बेमेतरा के छात्रों की ऊंची उड़ान: 68 विद्यार्थियों को मिलेगी हर महीने 1000 रुपए की छात्रवृत्त्ति, इनमें 57 बेरला के

बेमेतरा जिले में कुल 68 बच्चों को नवमी से बारहवीं तक 1000 रुपए प्रतिमाह की प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी। 57 बच्चे सिर्फ बेरला विकासखंड से उत्तीर्ण हुए हैं।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-05-21 17:42:00 IST

शिक्षक सफलता की खुशियां मनाते हुए

सूरज सिन्हा - बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में राष्ट्रीय साधन सह प्रवीण्य परीक्षा 2025 के अंतर्गत लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर द्वारा परीक्षा परिणाम घोषित किया गया। जिसमें बेमेतरा जिले में कुल 68 बच्चों का चयन हुआ। उसमें से 57 बच्चे सिर्फ बेरला विकासखंड से उत्तीर्ण हुए हैं। विकासखंड बेरला के लिए यह अत्यंत गौरवशाली क्षण है कि, 57 बच्चों ने उक्त परीक्षा में चयन होकर अपने प्रतिस्पर्धा का परिचय दिया। शिक्षक एवं बच्चे स्वयं से प्रेरित होकर कार्य तत्परता पूर्वक संपन्न करते हैं। जिले के 68 बच्चों को नवमी से बारहवीं तक मिलेगी 1000 प्रतिमाह की प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी।

हर माह 1000 रुपए की राशि प्राप्त
गौरतलब है कि, यह परीक्षा कक्षा आठवीं में अध्ययन करने वाले पूर्व माध्यमिक शाला के बच्चों को राष्ट्रीय साधन सह प्रावीण्य परीक्षा में सम्मिलित होने की पात्रता होती है। जिसके अंतर्गत सफल होने पर बच्चों को प्रति माह कक्षा 9वी से लेकर 12वीं तक 1000 रुपए की राशि प्राप्त होती है। अतः कुल मिलाकर एक वर्ष में 12000 और 4 वर्षों में 48000 की राशि प्राप्त होती है। जिसके लिए विकासखंड बेरला के विभिन्न विद्यालयों के द्वारा बच्चों से फॉर्म नामांकन जमा कराए गए थे। प्रधान पाठक एवं शिक्षक साथ ही साथ संकुल समन्वयक की महती क्रियान्वयन के तहत 1106 बच्चों को उक्त परीक्षा में सम्मिलित कराया गया था। जिसमें से लगभग 329 बच्चे सफल हुए एवं 57 बच्चे उक्त परीक्षा में छात्रवृत्ति पाने में चयनित हुए।

भविष्य में सफल नागरिक बनने की तैयारी
इस राशि के माध्यम से बच्चे आगे चलकर अपनी पढ़ाई से संबंधित विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकेंगे। नई शिक्षा नीति के अनुसार बच्चों को तार्किक एवं कौशल शिक्षा में परिपक्व करना है। इस परीक्षा में तार्किक प्रश्नों से बच्चे चुनौती को समझते हैं। आने वाले प्रतियोगी परीक्षा के लिए बचपन से ही प्रश्नों के गूढ़ अर्थ को समझते हैं। इस प्रकार यह भविष्य के लिए एक सफल नागरिक बनने की तैयारी करते हैं। शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ती है।

टीम वर्क का सकारात्मक परिणाम
केंद्र शासन एवं राज्य शासन की बहुत ही महत्वपूर्ण योजना के अंतर्गत राष्ट्रीय साधन सह प्रवीण्य परीक्षा में सफल होने पर विकासखंड शिक्षा अधिकारी बेरला जय प्रकाश करमाकर, विकासखंड स्त्रोत समन्वयक खोमलाल साहू एवं साथ ही साथ सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी अदेशकुमार उईके, नारायण ठाकुर के द्वारा सफल हुए समस्त 57 बच्चों को विकासखंड कार्यालय और विकास स्रोत कार्यालय के ओर से बहुत-बहुत बधाई प्रेषित किया गया। साथ ही साथ संबंधित प्रधान पाठक शिक्षक एवं संकुल समन्वयक जिन्होंने बहुत ही तल्लीनता पूर्वक लगातार एक ग्रुप के माध्यम से इन बच्चों को राष्ट्रीय साधन सह प्रवीण्य परीक्षा के विभिन्न बिंदुओं से अवगत कराते हुए लगातार टेस्ट का आयोजन किया।

ऑनलाइन और ऑफलाइन मॉक टेस्ट
ग्रुप के मुख्य संचालन करता सुरेंद्र पटेल ने बताया कि इस सत्र में गर्मी की छुट्टी से ही 100 शिक्षकों का व्हाट्सएप ग्रुप बना लिया गया था। जिसमें बच्चों को ऑनलाइन टेस्ट एवं तैयारी के लिए जरूरी पदार्थ दिए जाते थे। ऑफलाइन भी मॉक टेस्ट लिया गया। परीक्षा के लिए ग्रुप का संचालन सुरेंद्र पटेल, संकुल समन्वयक बारगांव, ओम प्रकाश साहू संकुल समन्वयक देवरी, केवरा सेन शिक्षिका शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला कंडरका राजेश यादव प्रधान पाठक एवं समस्त संकुल समन्वयक तथा शिक्षकों के माध्यम से के माध्यम से संपन्न हो रहा था। इनके द्वारा लगातार बच्चों को एक ग्रुप के माध्यम से प्रश्न उपलब्ध कराए जाते थे। उन प्रश्नों का उत्तर बच्चे दिया करते थे। और लगातार वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्नों को देते हुए बच्चों की बुद्धि लब्धि और उनकी तार्किक क्षमता को बढ़ाने के लिए लगातार इनके द्वारा मोटिवेशन किया जाता था।

पिछले वर्ष 55 बच्चों का हुआ था चयन
बीते वर्षों में भी लगभग 55 बच्चों का चयन विकासखंड बेरला से हुआ था। एवं इनके माध्यम से इनको उस आयाम तक पहुंचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। जिसकी बदौलत आज यह बच्चे सफल होते हुए। प्रमुख रूप से बारगांव स्कूल से 6, देवरी से 6, आनंदगांव संकुल से 4, कुसमी से 4, बच्चे का चयन हुए हैं। इसी कंडरका 4, सांकरा से 4, इस प्रकार कुल बेरला से 31 स्कूल के 57 बच्चे चयनित हुए है। शिक्षकों और पालकों में परिणाम और जिले को मिली सीट को लेकर गहरी नाराजगी है। जो परिणाम प्राप्त हो रहे हैं उसमें शिक्षकों की कक्षा से बाहर मेहनत करने से प्राप्त हुआ है। इसके लिए शिक्षक पलकों के साथ बैठकर ऑनलाइन के लिए बच्चों को तैयार करते हैं ग्रामीण क्षेत्र में कई तरह की आसुविधाओं का सामना करते हैं लेकिन जिस तरह से जिलेवार सीटों का बंटन हुआ है और जो मेरिट सूची बनाई गई है उसमें बहुत अस्पष्टता दिखाई दे रही है सरगुजा, कांकेर, बलोदा बाजार, दुर्ग जैसे जिलों को देखकर लगता है कि उनके लिए वरदान साबित हुआ है। सीटों का बंटन का आधार पालक और शिक्षकों को पता चलना चाहिए।

पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष का अलग मेरिट लिस्ट
इस बार हमारे जिले में बच्चों का अंक चयन में 20 से 25 अंक तक उछाल हुआ है। नहीं तो 100 से अधिक बच्चे उत्तीर्ण होते। मेहनत के अनुरूप सीट नहीं मिलने और बच्चों के पास नहीं होने से निराशा हुई है। बेमेतरा जिले के साथ अन्याय हुआ है। छत्तीसगढ़ शिक्षक संघ बेमेतरा के माध्यम से लोक शिक्षण संचालनालय रायपुर को पत्र लिखा गया है और इस समस्या को दूर कर स्पष्ट करने की अनुग्रह की गई है कि, जिलों को किस आधार पर कितने सीट दी गई है। जिन जिलों में बच्चे नहीं है उनकी सीट को किस जिले को किस आधार पर बंटित किया गया है। यह जानने का अधिकार शिक्षकों को भी है और पालकों को भी है। पिछले वर्ष से अलग ही तरह का मेरिट लिस्ट तैयार किया गया है। जो किसी के समझ में नहीं आ रहा है इसे और स्पष्ट करने की आवश्यकता है। तभी शिक्षकों में आगे कार्य करने की उच्च उत्सुकता को बरकरार रखा जा सकता है।

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