वनभूमि कब्जामुक्त: दो गांवों के बीच सीमा विवाद सुलझाया, अवैध खेती को खोदकर बना दी पानी भरने की जगह
बस्तर जिले के दो ग्राम चपका और मुंजला के बीच चल रहे सीमा विवाद का निराकरण हुआ।
ग्राम चपका और मुंजला के सीमा विवाद का हुआ निराकरण
महेंद्र विश्वकर्मा - जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दो ग्राम चपका और मुंजला के बीच चल रहे सीमा विवाद का निराकरण हुआ। ग्रामीणों की उपस्थिति में वन विभाग ने जेसीबी द्वारा वन सीमा में सीपीटी बनाया गया है, अतिक्रमित क्षेत्र में भूजल संरक्षण संरचना खुदवाकर वन भूमि का रकबा 0.681 हैक्टेयर को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया।
मिली जानकारी के अनुसार, ग्राम चपका के ग्रामीणों ने वन मंत्री केदार कश्यप से ग्राम सीमा का निर्धारण और वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त किए जाने का निवेदन किया गया था। वन मंत्री ने त्वरित निर्णय लेते हुए 2 जुलाई को जिला कलेक्टर, मुख्य वन संरक्षक को निर्देशित कर राजस्व एवं वन विभाग के संयुक्त दल द्वारा पुलिस बल की सहायता से दोनों ग्रामों के संरपच, कोटवार पटेल और ग्रामीणों की उपस्थिति में मौके पर जाकर सीमा निर्धारण किया गया।
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ये लोग रहे मौजूद
इस मौके पर वन मण्डलाधिकारी बस्तर उत्तम कुमार गुप्ता, अनुविभागीय अधिकारी ऋषिके तिवारी, उप वन मण्डलाधिकारी आईपी बंजारे, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस प्रवीण भारती, तहसीलदार भानपुरी लखीराम पाण्डेय, थाना प्रभारी भानपुरी परिक्षेत्र अधिकारी पीएल पाण्डेय, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी ओपी सिंह, परिसर रक्षक तारावती कोर्राम, वनरक्षक नृपेन्द्र सिंग गौतम, वनपाल हीरामन मण्डावी, पटवारी सुरेश कोर्राम, राजस्व निरीक्षक अंशुमाली और राजस्व निरीक्षक रामदास मरकाम शामिल रहे।