बरमकेला कांग्रेस में असंतोष की आंधी: कार्यकर्ताओं ने भाजपा की तरफ बदला राजनीतिक रुख, पक्षपात करने का लगाया आरोप
बरमकेला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में पार्टी में हो रहे पक्षपात को लेकर नाराजगी है। जिसके चलते वे अब भाजपा की तरफ अपना रुझान दिखा रहे हैं।
बरमकेला ब्लॉक के कांग्रेस कार्यकर्ता
देवराज दीपक- सारंगढ़। छत्तीसगढ़ के बरमकेला ब्लॉक में कांग्रेस की जड़ें अब हिलती नजर आ रही हैं। स्थानीय नेतृत्व की अनदेखी और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा से नाराज कांग्रेसी अब पार्टी छोड़कर भाजपा की ओर रुख कर रहे हैं। जो कभी कांग्रेस का मजबूत गढ़ था, वहां अब डूबती नैया की चर्चा आम हो गई है। बरमकेला ब्लॉक में कांग्रेस के कई वरिष्ठ और सक्रिय कार्यकर्ता स्थानीय नेतृत्व की निरंकुशता और पक्षपातपूर्ण रवैये से तंग आ चुके हैं।
सूत्रों के अनुसार, ब्लॉक के प्रमुख नेता संवादहीनता, मनमानी और गुटबाज़ी की राजनीति कर रहे हैं। जिससे पार्टी की साख और शक्ति दोनों प्रभावित हो रही है। कई कांग्रेस समर्थक खुलेआम मंचों और बैठकों में अब यह कहने लगे हैं कि यदि पार्टी को बरमकेला में बचाना है, तो मौजूदा नेतृत्व को तुरंत बदलना होगा। उनका कहना है कि अब भी समय है, वरना पार्टी को यहां पूरी तरह से जमीन से उठने में वर्षों लग जाएंगे।
भाजपा को मिल रहा सीधा लाभ
भाजपा ने इस मौके को सुनहरे अवसर की तरह लिया है। कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं और कार्यकर्ताओं को पाले में लाने में भाजपा लगातार सफल हो रही है। हाल के दिनों में कई प्रमुख कांग्रेस कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए हैं, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि बरमकेला में कांग्रेस की स्थिति गंभीर है।
नेतृत्व पर उठे सवाल
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि, ब्लॉक स्तर पर कांग्रेस का संचालन पूरी तरह दिशाहीन हो चुका है। जमीनी मुद्दों की अनदेखी, गुटबाजी, और वरिष्ठ नेताओं से संवादहीनता ने कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा दिया है। कांग्रेस अब डूबती नाव जैसी हो चुकी है, जिसे बचाने के लिए सही खिवैया चाहिए एक वरिष्ठ कांग्रेसी कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा।
भाजपा बनी नया ठिकाना
असंतोष की इस लहर का सीधा लाभ भाजपा को मिल रहा है। हाल ही में कांग्रेस के कई पुराने कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हुए, जिनका कहना है कि भाजपा उन्हें सम्मान और सक्रिय भूमिका देने को तैयार है, जबकि कांग्रेस में उन्हें केवल भीड़ समझा गया। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि कांग्रेस ने समय रहते बरमकेला ब्लॉक के संगठन में नेतृत्व परिवर्तन नहीं किया, तो आने वाले चुनावों में पार्टी को यहाँ भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।