1000 लोगों की चेक की गई चप्पल: तब कहीं पकड़ में आया पिस्टल और कारतूस चोरी का आरोपी

पुलिस के एएसआई और हेड कांस्टेबल की सर्विस रिवाल्वर, 4 मैगजीन और 24 जिंदा कारतूस की चोरी मामले में जीआरपी ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।

Updated On 2025-09-08 11:13:00 IST

बिलासपुर

रायपुर। हटिया-दुर्ग एक्सप्रेस के जनरल कोच में इंडियन तिब्बत पुलिस के एएसआई और हेड कांस्टेबल की सर्विस रिवाल्वर, 4 मैगजीन और 24 जिंदा कारतूस की चोरी मामले में जीआरपी ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस संबंध में रेल एसपी श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा ने रविवार को खुलासा किया। जीआरपी ने बताया कि ट्रेन से आईटीबीपी बताया कि ट्रेन जवानों की पिस्टल व कारतूस भरा बैग पार होने के मामले में सीसीटीवी कैमरे में आरोपी का चेहरा स्पष्ट नहीं था, लेकिन उसकी चप्पल स्पष्ट दिखाई दे रही थी, इसलिए जीआरपी ने चोर का चेहरा देखना छोड़ चप्पल देखनी शुरू कर दी। जीआरपी के जवानों ने रेलवे स्टेशन के आसपास लगभग एक हजार लोगों की चप्पल चेक की, अंत में इसी आधार पर आरोपी को पकड़ लिया गया। चोरी गई पिस्टल, कारतूस आरोपी से जब्त की गई है, परंतु नकद रकम सिर्फ 700 रुपए मिली है।

जीआरपी के अनुसार, आईटीबीपी के सहायक उपनिरीक्षक कटैया थाना बिहिया भोजपुर निवासी योगेंद्र प्रसाद ओझा 4 सितंबर को हटिया से दुर्ग के बीच चलने वाली स्पेशल ट्रेन के जनरल कोच में अपने तीन साथियों के साथ सफर कर रहे थे। चारों की ड्यूटी डोंगरगढ़ में लगाई गई थी, जिसके लिए चारों को दुर्ग से डोंगरगढ़ तक सफर करना था। देर रात 3 बजे के बाद चारों की आंख लग गई। इस दौरान दो जवानों ने अपने बैग को बर्थ के बीच में रख दिया था, जिसमें 2 नग 9 एमएम आटोमैटिक पिस्टल, 24 कारतूस, 4 नग खाली मैगजीन, 10 हजार रुपए और मोबाइल सहित कपड़े व अन्य दस्तावेज रखे हुए थे। आरोपी को पता था जवानों का है बैग आरोपी रंजीत मरकाम ने जीआरपी को पूछताछ में बताया कि आईटीबीपी के जवान जिस ट्रेन में सफर कर रहे थे। उसी कोच में वह भी था। वह जानता था कि बैग जवानों के हैं। बैग को रखते हुए उसने देखा। बैग उठाने से पहले उसने बर्थ पर सो रहे जवानों को हिलाकर उठाने कोशिश की, लेकिन दोनों जवान नहीं उठे। तब वह बैग लेकर वहां से चल दिया।

चप्पल ही देखते रहे जवान
जीआरपी के मुताबिक, पिस्टल और कारतूस तथा अन्य सामान चोरी की शिकायत मिलने के बाद सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई। इसमें एक व्यक्ति गेट नंबर 4 से बाहर निकलते हुए दिखाई दिया, जिसका चेहरा स्पष्ट नहीं दिख रहा था। वहीं सीसीटीवी फूटेज में उक्त व्यक्ति के पैर में चप्पल दिखाई दी। इसके आधार पर बिलासपुर रेलवे स्टेशन और आसपास के क्षेत्र में करीब 1000 लोगों की चप्पलों की जांच की, इसी आधार पर आरोपी स्टेशन के बाहर पकड़ में आया।

रायपुर से वापस पहुंचे बिलासपुर

भाटापारा से ट्रेन रवाना होने के बाद जब चारों की आंख खुली तो उन्हें बैग नहीं दिखा।रायपुर स्टेशन से चारों वापस बिलासपुर स्टेशन पहुंचे और आरपीएफ-जीआरपी को इसकी सूचना दी। आईटीबीपी रांची 40वीं बटालियन के चारों जवानों में हेड कांस्टेबल जितेंद्र सिंह और एएसआई योगेंद्र प्रसाद ओझा, आरक्षक बुद्धदेव मलिक व राजू साहू थे। पिस्टल और कारतूस रखे बैग की चोरी की सूचना मिलते ही आरपीएफ पोस्ट बिलासपुर, टास्क टीम, सीआईबी बिलासपुर, जीआरपी की टीम चांपा से लेकर बिलासपुर और भाटापारा के बीच सतर्क हो गई और सभी जगह बैग की छानबीन करने लगी। सीसीटीवी फुटेज में आरोपी के दिखने के बाद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने के बाद आईटीबीपी के एक जवान योगेंद्र प्रसाद ओझा की शिकायत पर जीआरपी ने अज्ञात चोर के खिलाफ धारा 305 (सी) बीएनएस के तहत अपराध कायम कर लिया। 48 घंटे के भीतर आरोपी ग्राम खम्हरिया भाटापारा ग्रामीण बलौदाबाजार निवासी रंजीत मरकाम को चप्पल के आधार पर गिरफ्तार कर लिया गया।

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