हाथी पीड़ितों के लिए प्रदर्शन: पूर्व मंत्री भगत के नेतृत्व में फारेस्ट दफ्तर का घेराव, मांगा 25 लाख का मुआवजा

सीतापुर में जंगली हाथियों के हमलों से मौत और नुकसान को लेकर पूर्वमंत्री अमरजीत भगत ने वन विभाग का घेराव कर मृतक परिजनों को 25 लाख मुआवजा देने की मांग रखी है।

Updated On 2025-09-10 17:47:00 IST

वन विभाग का घेराव करते हुए

अनिल उपाध्याय- सीतापुर। छत्तीसगढ़ के सीतापुर में जंगली हाथियों के लगातार हमलों से ग्रामीणों में दहशत और आक्रोश का माहौल है। इसी कड़ी में मृतक के परिजनों को 24 घंटे के भीतर 25 लाख रुपये का मुआवजा और नौ सूत्रीय मांगों को लेकर पूर्वमंत्री अमरजीत भगत के नेतृत्व में कांग्रेसियों ने बुधवार को वन विभाग कार्यालय का घेराव किया।

इस दौरान कांग्रेसियों ने हाथी आतंक पर रोक लगाने और प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत पहुंचाने की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी की है। पूर्वमंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि, जंगली हाथियों के हमलों से कई निर्दोष ग्रामीणों की जान जा चुकी है, जबकि फसलों और मकानों को भी भारी नुक्सान पहुंचा है। उन्होंने मांग रखी कि, मृतक के परिवार को 25 लाख रुपये मुआवजा और एक सदस्य को योग्यतानुसार सरकारी नौकरी दी जाए।

हाथियों से सुरक्षा के लिए जनजागरुकता अभियान की मांग
इसके साथ ही खेतों में खड़ी फसलों को हाथियों द्वारा रौदे जाने पर दोगुना मुआवजा, क्षतिग्रस्त मकानों का सही आकलन क्षतिपूर्ण, प्रभावित क्षेत्रों में भरपूर प्रकाश व्यवस्था और हाथी प्रभावित इलाकों में जनजागरुकता अभियान चलाए जाने की मांग की गई। साथ ही उन्होंने हाथियों की ड्रोन से निगरानी करने, ग्रामीणों को हाथियों की मौजूदगी की रियल टाइम जानकारी उपलब्ध कराने और पूर्व में संचालित हाथी सुरक्षा और प्रभावी योजनाओं पर भी जोर दिया।

वन विभाग और प्रशासन को चेतावनी
कार्यक्रम के अंत में पूर्वमंत्री समेत कांग्रेस नेताओं ने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम नायब तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। इस घेराव में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष तिलक बेहरा, प्रदीप गुप्ता, पालू बलराम यादव, जिला पंचायत सदस्य शिवभरोष बेक, अशोक अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे। इस प्रदर्शन में वन विभाग और प्रशासन को चेतावनी दी गई है कि, यदि समय रहते उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो कांग्रेस का आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है।

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