एसआईआर का हाल: 5 लाख लापता, 6 लाख की मृत्यु, 27.5 लाख मतदाताओं का सत्यापन नहीं

भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत राज्य में दो करोड़ 12 लाख से अधिक मतदाताओं का पुनरीक्षण का कार्य किया जा रहा है।

Updated On 2025-12-21 10:56:00 IST

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रायपुर। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चलाए जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत राज्य में दो करोड़ 12 लाख से अधिक मतदाताओं का पुनरीक्षण का कार्य किया जा रहा है। विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत सत्यापन में यह बात सामने आई है कि 27 लाख 50 हजार 822 नाम सत्यापित नहीं हुए। 14 लाख 26 हजार 212 मतदाता दूसरी जगह शिफ्ट हो गए हैं। 1 लाख 71 हजार 212 मतदाता डुप्लिकेट पाए गए हैं। 4 लाख 98 हजार 291 मतदाता लापता पाए गए। 6,40,115 मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी है। पुनरीक्षण के दौरान जिन मतदाताओं की मृत्यु हुई है, उनका नाम मतदाता सूची से हटेगा। छत्तीसगढ़ मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा जारी किए गए निर्देश पर मतदाता सूची का प्रारंभिक प्रकाशन 23 दिसंबर को होगा।

ड्राफ्ट जारी होने के बाद 22 जनवरी तक दावा और आपत्ति दर्ज कराई जा सकती है। 14 फरवरी तक सुनवाई होगी। 21 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। 4 नवंबर से शुरू हुए हाउस सर्वे का काम 18 नवम्बर तक हुआ जो 19 दिसम्बर को समाप्त हुआ है। अब 23 दिसम्बर को गणनावाली मतदाता सूची जारी होगी। भारत निर्वाचन आयोग के नियम के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके लिए निर्देश जारी कर दिया है। प्राप्त दावों/आपत्तियों पर विधिवत जांच के बाद ईआर ओ निर्णय लेंगे। आवश्यक होने पर सुनवाई के बाद ऑर्डर पारित किया जाएगा। अपील की व्यवस्था नियम के अंतर्गत उपलब्ध है। दावा-आपत्तियों के निराकरण के बाद भारत निर्वाचन आयोग की सहमति से अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन 21 फरवरी 2026 को किया जाएगा।

मतदाता इन माध्यमों से आवेदन कर सकते हैं
वोटर पोर्टल या ईसीनेट मोबाइल एप के माध्यम से ऑनलाइन, बीएलओ के पास ऑफलाइन माध्यम से, यदि किसी का नाम प्रारूप निर्वाचक सूची में जुड़ा नहीं हुआ है, तो निर्वाचक सूची में नाम जोड़ने के घोषणा पत्र के साथ फॉर्म 6 में आवेदन करना है। यदि गलती से सूची में पंजीकृत हो गया है, तो नाम हटाने या आपत्ति दर्ज करने के लिए फॉर्म 7 में आवेदन करना है। यदि निर्वाचक की प्रविष्टि में कोई संशोधन की आपत्ति दर्ज करने के लिए फॉर्म 7 में आवेदन करना है। यदि निर्वाचक की प्रविष्टि में कोई संशोधन की आवश्यकता हो, तो घोषणा पत्र के साथ फॉर्म 8 में आवेदन करना है।

ये है नियम, देनी होगी ये जानकारी
छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग के नियम के अनुसार, यदि किसी मतदाता के सम्बन्ध में गणना प्रपत्र में दिए गए पिछले एसआईआर निर्वाचक नामावली के विवरण नहीं हैं या डेटाबेस से मेल नहीं खाते हैं, तो मतदाता रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ऐसे मतदाताओं को नोटिस देंगे। अपने विधानसभा क्षेत्र के मतदाता रजिस्ट्रीकरण अधिकारी से नोटिस प्राप्त होने पर मतदाता को अलग-अलग श्रेणियों के अनुसार आवश्यक दस्तावेज देना होगा। यदि जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले भारत में हुआ है, तो उसे अपनी जन्म तिथि और स्थान का प्रमाणपत्र देना होगा। यदि जन्म 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच भारत में हुआ है, तो वे आयोग की सूची में से कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करें, जो जन्म तिथि और जन्म स्थान प्रमाणित करता हो। यदि जन्म 2 दिसंबर 2004 के बाद भारत में हुआ है, तो उसके लिए स्वयं के लिए आयोग द्वारा तय सूची में से कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत करें, जो जन्म तिथि और/या जन्म स्थान प्रमाणित करता हो।

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