साल 2025 का लेखा-जोखा: 2024 की तुलना में बलौदा बाजार जिला रहा शांत
साल 2025 का आज अंतिम दिन है। साल 2024 में बलौदा बाजार जिले पर लगे कलंक से उबरते हुए वर्तमान साल अपैक्षाकृत शांतिपूर्वक बीता।
संयुक्त जिला कार्यालय बलौदा बाजार
कुश अग्रवाल- बलौदा बाजार। साल 2025 अपने अंतिम पड़ाव पर है। बीते वर्ष की घटनाओं पर नजर डालें तो यह स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि, बलौदा बाजार जिला वर्ष 2024 की तुलना में 2025 में अधिक शांत, नियंत्रित और प्रशासनिक सतर्कता वाला रहा। वर्ष 2024 में कलेक्ट्रेट परिसर में हुए बवाल के बाद जिला प्रशासन और पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर रही, जिसका असर पूरे वर्ष कानून-व्यवस्था पर देखने को मिला।
चुनावी माहौल से हुई वर्ष की शुरुआत
नववर्ष 2025 की शुरुआत नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों के साथ हुई। शुरुआती दो महीनों तक जिले में राजनीतिक सरगर्मी बनी रही। बलौदा बाजार नगर पालिका से भाजपा के अशोक जैन और भाटापारा से अश्वनी शर्मा को जीत हासिल हुई। वहीं कई नगर पालिका क्षेत्रों में भाजपा और कांग्रेस के मिले-जुले प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। पंचायत चुनावों में भाजपा समर्थित प्रत्याशियों ने जिला पंचायत में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई। विशेष रूप से आकांक्षा जायसवाल द्वारा कड़े मुकाबले और राजनीतिक जोड़-तोड़ के बाद जिला पंचायत सीट पर विजय राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय रही।
प्रशासनिक स्थिरता और उपलब्धियां
प्रशासनिक स्तर पर वर्ष भर कोई बड़ा उलटफेर नहीं हुआ। वर्ष 2024 में पुलिस अधीक्षक रहे विजय अग्रवाल के स्थान पर भावना गुप्ता को बलौदा बाजार जिले की नई पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया गया। कलेक्टर दीपक सोनी के मार्गदर्शन में जिले को जल संरक्षण के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर बी-श्रेणी पुरस्कार प्राप्त हुआ, जो जिला प्रशासन की महत्वपूर्ण उपलब्धि रही।
अपराध नियंत्रण में पुलिस की सख्ती
वर्ष 2025 में पुलिस विभाग ने अपराध नियंत्रण को लेकर कई बड़ी सफलताएं हासिल कीं। आईपीएल क्रिकेट मैचों के दौरान सक्रिय सट्टेबाजी गिरोह का पर्दाफाश कर एक दर्जन से अधिक आरोपियों की गिरफ्तारी की गई। इसके अलावा साइबर फ्रॉड, ऑनलाइन ठगी और चिटफंड कंपनियों द्वारा शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर धोखाधड़ी के मामलों में भी प्रभावी कार्रवाई की गई। कसडोल थाना क्षेत्र से आधा दर्जन से अधिक आरोपियों की गिरफ्तारी की गई, जिनकी विवेचना अभी जारी है।
जघन्य अपराध और पुलिस की चुनौती
मेले में चाकूबाजी के दौरान युवक की हत्या, सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के ग्राम चरोटी में साइको किलर द्वारा युवती की हत्या कर शव को जलाने का मामला प्रदेश स्तर पर चर्चित रहा। पलारी थाना क्षेत्र के ग्राम वटगण में महिला द्वारा प्रेमी के माध्यम से पति की हत्या का मामला भी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती साबित हुआ, जिसे सुलझाने में पुलिस को सफलता मिली। लगातार सामने आ रहे चाकू दिखाकर लूट के मामलों पर पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए विभिन्न थाना क्षेत्रों से दर्जनों आरोपियों को गिरफ्तार कर घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया।
विकास योजनाएं और पंचायत विभाग की भूमिका
पंचायत विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले भर में 20 हजार से अधिक हितग्राहियों को पक्के मकान उपलब्ध कराए गए, जिसे जिला पंचायत की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
वन विभाग और हाईकोर्ट की सख्ती
नए डीएफओ गणवीर धर्मशील के प्रभार संभालने के बाद बारनवापारा क्षेत्र में विकास से जुड़ी कई योजनाएं शुरू की गईं। हालांकि, हाथियों के गड्ढों में गिरने से मौत के मामलों ने वन विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया। इस पर हाईकोर्ट ने भी संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और वन विभाग से जवाब तलब किया।
शिक्षा विभाग की गंभीर लापरवाही
पलारी ब्लॉक के ग्राम लक्षणपुर में मध्यान्ह भोजन को लेकर सामने आया मामला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना। यहां 80 बच्चों को कुत्ते का जूठा भोजन खिलाए जाने की घटना के बाद बच्चों को रेबीज का इंजेक्शन लगाना पड़ा। हाईकोर्ट के निर्देश पर 76 बच्चों को 25-25 हजार रुपये का मुआवजा प्रदान किया गया तथा मामले में तीन शिक्षकों को निलंबित किया गया।
प्रशासनिक कसावट और पुलिसिया सतर्कता का दिखा असर
कुल मिलाकर, साल 2025 बलौदा बाजार जिले के लिए शांति, सतर्क प्रशासन और सख्त कानून व्यवस्था का वर्ष रहा। 2024 के कलेक्ट्रेट बवाल के बाद प्रशासन और पुलिस की कड़ी निगरानी, त्वरित कार्रवाई और सतत प्रयासों के चलते जिले में कोई बड़ी सांप्रदायिक घटना नहीं हुई। इसका श्रेय जिले के कलेक्टर दीपक सोनी और पूर्व एवं वर्तमान पुलिस अधीक्षकों को जाता है, जिनके नेतृत्व में बलौदा बाजार ने वर्ष 2025 को अपेक्षाकृत शांतिपूर्ण ढंग से पूरा किया।