राजनांदगांव जेल में गैंगवार: एक गुट ने दूसरे गुट के युवक पर हथियारों से किया जानलेवा हमला
राजनांदगांव जेल के अंदर कैदियों के बीच गैंगवार में युवराज राजपूत नामक कैदी पर 4-5 अन्य कैदियों ने धारदार हथियारों से हमला कर दिया। इस हमले वह बाल- बाल बचा।
जिला जेल राजनंदगांव
अक्षय साहू- राजनांदगांव। जिले की जिला जेल में आज एक सनसनीखेज घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जेल के अंदर कैदियों के बीच भड़की गैंगवार में युवराज राजपूत नामक कैदी पर 4-5 अन्य कैदियों ने धारदार हथियारों से क्रूर हमला कर दिया। हमलावरों ने युवराज के चेहरे और पीठ पर कई वार किए, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद युवराज के साथी कैदी और परिजन कोतवाली पहुंचे, जहां उन्होंने शिकायत दर्ज कराई।
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि हमला जेल में चल रही गुटबाजी और पुरानी रंजिशों का परिणाम है। दोनों पक्षों के कैदी आदतन अपराधी माने जाते हैं, और यह मामला कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। जेल प्रशासन ने घटना की आंतरिक जांच शुरू कर दी है, जबकि पुलिस ने हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
4-5 कैदियों ने अचानक किया हमला
घटना दोपहर करीब 2 बजे राजनांदगांव जिला जेल के एक बैरक में घटी। सूत्रों के अनुसार, युवराज राजपूत, जो एक आपराधिक मामले में जेल में बंद था, अपने बैरक से बाहर निकला था, तभी एक प्रतिद्वंद्वी गुट के 4-5 कैदियों ने अचानक उन पर धारदार हथियारों (स्टील ग्लास को काटकर बनाये गए हथियार) से हमला बोल दिया। हमलावरों ने युवराज के चेहरे पर कम से कम तीन वार किए, जबकि पीठ पर 2-3 गहरे घाव दिए। हमले के दौरान अन्य कैदी चीखते-चिल्लाते रहे, लेकिन जेल स्टाफ को सूचना मिलने में थोड़ा विलंब हुआ। युवराज को तत्काल जेल के अंदर उपलब्ध प्राथमिक चिकित्सा प्रदान की गई। चेहरे पर लगे घावों से उनकी दृष्टि प्रभावित हो सकती है, जबकि पीठ के घावों से अत्यधिक रक्तस्राव हुआ। जेल अधिकारियों ने बताया कि हमलावर कैदी तुरंत बैरक में ही बंद कर दिए गए हैं, और उनकी पहचान कर ली गई है। हालांकि, जेल के अंदर धारदार हथियार कैसे पहुंचे, इस पर सवाल उठ रहे हैं।
जेल में बढ़ती गुटबाजी और पुरानी दुश्मनी हमले का कारण
पुलिस और जेल प्रशासन की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह हमला जेल के अंदर चल रही गुटबाजी का परिणाम है। राजनांदगांव जेल में विभिन्न अपराधिक गिरोहों के सदस्य बंद हैं, और इनके बीच पुरानी रंजिशें (जैसे जमीन विवाद, आपराधिक गतिविधियों में टकराव या बैरक में छोटे-मोटे झगड़े) अक्सर हिंसक रूप ले लेती हैं। युवराज राजपूत को एक स्थानीय अपराधी गुट से जोड़ा जा रहा है, जबकि हमलावर कैदी विपक्षी गुट के सदस्य हैं। दोनों पक्षों के कैदी आदतन अपराधी हैं, जिनके खिलाफ पहले से ही हत्या, मारपीट, चोरी और अन्य गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हैं। सूत्रों का कहना है कि जेल के अंदर कैदियों के बीच स्मगलिंग (मोबाइल फोन, नशीले पदार्थ) और वर्चस्व की लड़ाई भी गुटबाजी को बढ़ावा दे रही है। हाल ही में छत्तीसगढ़ की अन्य जेलों (जैसे रायपुर सेंट्रल जेल) में भी इसी तरह की घटनाएं हुई हैं, जहां कैदियों ने धारदार हथियारों से हमले किए।
कोतवाली थाना पहुंचे कैदी के परिजन
हमले की जानकारी मिलते ही युवराज के साथी कैदी और उनके परिजन सीधे कोतवाली थाना पहुंचे। उन्होंने थाना प्रभारी को विस्तृत शिकायत सौंपी, जिसमें हमलावर कैदियों के नाम, हमले का तरीका का जिक्र किया गया। शिकायत में जेल प्रशासन पर लापरवाही का भी आरोप लगाया गया है। जेल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा रही है। परिजनों ने मांग की है कि हमलावरों पर हत्या के प्रयास का मुकदमा चलाया जाए।
सवालों के घेरे में जेल की सुरक्षा व्यवस्था
यह घटना छत्तीसगढ़ की जेलों में बढ़ती हिंसा को उजागर करती है। हाल ही में रायपुर सेंट्रल जेल में एक कांग्रेस नेता पर ब्लेड से हमला हुआ था, जिसमें जेल सुरक्षा पर सवाल उठे थे। राजनांदगांव जेल में भी स्टाफ की कमी और निगरानी के अभाव की शिकायतें रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कैदियों के बीच मध्यस्थता और काउंसलिंग की आवश्यकता है, ताकि गुटबाजी को रोका जा सके। राज्य सरकार ने जेल सुधार के लिए योजना बनाई है, लेकिन ऐसी घटनाएं उसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठाती हैं।
परिजनों ने उठाए सवाल
इस घटना से जिले में दहशत का माहौल है। युवराज के परिजन ने कहा कि, जेल में कैदी सुरक्षित नहीं हैं, प्रशासन क्या कर रहा है? स्थानीय संगठनों ने जेल सुरक्षा मजबूत करने की मांग की है। विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे कानून-व्यवस्था की विफलता बताते हुए विधानसभा में मामला उठाने का ऐलान किया है। जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जांच पूरी होने पर दोषी जेल अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी।