राजधानी में हड़ताल पर सफाईकर्मी: ठेका कंपनी पर वादा खिलाफी का आरोप, वेतन नहीं मिला तो धरने पर बैठे
रायपुर जिले में त्यौहारी माहौल के बीच डोर टू डोर कचरा इकठ्ठा करने वाले सफाई कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए हैं। बताया जा रहा है कि, कर्मियों को वेतन नहीं दिया गया है।
धरने पर बैठे हुए सफाई कर्मी
रायपुर। पूरे प्रदेश में दिवाली की तैयारी जोरों-शोरों से की जा रही है। लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई में जुटे हुए हैं। लेकिन इसी बीच रायपुर जिले की गलियों और सड़कों की सफाई व्यवस्था ठंडी पड़ गई है। दरअसल, डोर टू डोर कचरा इकठ्ठा करने वाले सफाई कर्मचारी एक बार फिर हड़ताल पर बैठ गए हैं, जो 5 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठ गए हैं।
जानकारी के मुताबिक, रायपुर में सफाई कर्मियों का अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन जारी है। यह प्रदर्शन दलदल सिवनी में किया जा रहा है। जहां लगभग 1000 सफाई कर्मी मौजूद हैं। भीम आर्मी इस प्रदर्शन का समर्थन कर रहा है। आपको बता दें कि, यह प्रदर्शन 5 सूत्रीय मांगों को लेकर किया जा रहा है, जिसमें से एक मुख्य मांग वेतन वृद्धि है। मांगे पूरी नहीं होने पर सीएम हाउस और नगर निगम का घेराव कर सकते हैं।
पहले भी मिला था आश्वासन, नहीं हुआ पूरा
कर्मचारियों का कहना है कि, उन्हें कई महीने से वेतन नहीं मिला है, ऊपर से कंपनी के सुपरवाइजर लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि, इससे पहले भी उन्होंने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की थी। उस समय कंपनी प्रबंधन ने वेतन और काम के माहौल सुधारने का आश्वासन दिया था। लेकिन हड़ताल खत्म होने के बाद भी किसी भी मांग पर अमल नहीं हुआ। अब कर्मचारी कहते हैं कि, जब तक उन्हें बकाया वेतन नहीं मिलेगा और शोषण जैसी स्थिति पर रोक नहीं लगेगी, तब तक वे काम पर नहीं लौटेंगे।
गंदगी की मार झेल रहे लोग
इस हड़ताल का सीधा असर शहर की सफाई व्यवस्था पर पड़ा है। कई इलाकों में कचरा नहीं उठाया गया, जिससे गलियों में दुर्गंध फैल रही है। नालियों के पास कचरे का अंबार दिख रहा है। दीवाली से पहले जब लोग साफ-सफाई को लेकर सतर्क होते हैं, ऐसे में शहर का गंदा होना बड़ी परेशानी बन गया है।
कंपनी की चुप्पी, निगम की नजर
शहर की सफाई का जिम्मा रामकी ग्रुप के पास है। कंपनी के अधिकारी सफाईकर्मियों से बातचीत करके मामले को सुलझाने की कोशिश में लगे हुए हैं। लेकिन हड़ताल कब तक चलेगी, इस पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं है।