सांसद से मिलने पहुंचे NHM कर्मचारी: बृजमोहन ने दिया समर्थन, बोले- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से करुंगा चर्चा
10 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी सांसद बृजमोहन अग्रवाल से मिलने पहुंचे। जिसका समर्थन करते हुए श्री अग्रवाल ने जायज मांगों के समर्थन का भरोसा दिलाया।
सांसद बृजमोहन अग्रवाल से मिलने पहुंचे NHM कर्मचारी
रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में NHM कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर धरने पर हैं। सोमवार को 10 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारी सांसद बृजमोहन अग्रवाल से मिलने पहुंचे। जिसका समर्थन करते हुए श्री अग्रवाल ने जायज मांगों के समर्थन का भरोसा दिलाया। इसके साथ ही इस मामले पर उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और मुख्यमंत्री से चर्चा का आश्वाशन दिया।
विभागीय एक्शन की तैयारी
विभागीय अधिकारियों ने तर्क दिया है कि उनकी मांगों पर निर्णय लिया जा चुका है, मगर पदाधिकारियों का कहना है कि उन्हें इस संबंध में अब तक कोई आर्डर नहीं मिला है। आठ दिनों से उनके काम बंद करने की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। गली-मोहल्ले के हमर क्लीनिक में ताले लग चुके हैं और स्वास्थ्य केंद्रों में सन्नाटा पसरा हुआ है। 13 अगस्त की बैठक का हवाला देकर मिशन संचालक एवं आयुक्त डॉ. प्रियंका शुक्ला ने इन कर्मचारियों पर सख्ती का मूड बनाया है। उन्होंने तमाम सीएमएचओ को ड्यूटी पर अनुपस्थित कर्मचारियों की जानकारी संयुक्त संचालक एनएचएम के कार्यालय में भेजने का आदेश दिया है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़े विभिन्न स्तर के 16 हजार कर्मचारियों की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था गड़बड़ा गई है। प्राथमिक उपचार के लिए गली मोहल्ले में खोले गए हमर क्लीनिक में ताले लग चुके हैं। अन्य प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी व्यवस्था प्रभावित हुई है।
जिला अस्पताल और मेडिकल कालेजों स्टाफ की कमी
जिला अस्पताल और मेडिकल कालेजों में भी काफी संख्या में नर्सिंग स्टाफ सहित अन्य कर्मचारी कम हो गए हैं। निचले स्तर के स्वास्थ्य केंद्रों में इलाज ठप होने की वजह से मेडिकल कालेजों के अस्पतालों में भीड़ बढ़ चुकी है। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे डा. अमित मिरी ने बताया कि अफसर मांगों पर फैसला होने का दावा कर रहे हैं, मगर अब तक इस पर किसी तरह की आदेश कॉपी उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई है।
मोदी की गारंटी खोजने निकले कर्मचारी
नियमितीकरण, ग्रेड पे सहित अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर अलग-अलग गतिविधियों के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करने का प्रयास कर रहे हैं। मंगलवार को तूता के धरना स्थल पर कर्मचारियों ने तख्तियों, बैनरों और मोदी की गारंटी के नारों के साथ रैली निकालकर अपना विरोध जताया। महिला कर्मचारियों ने भी तीजा पर्व के अवसर पर परंपरागत रीति-रिवाज निभाते हुए धरना स्थल पर डटे रहकर आंदोलन का समर्थन किया। एनएचएम संविदा कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि शासन जल्द ही उनकी मांगों पर लिखित निर्णय नहीं लेता, तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
जिले में रोजाना पांच सौ मरीज प्रभावित
गली-मोहल्ले में खोले जाने वाले एक हमर क्लीनिक में रोजाना औसतन दस मरीज अपनी समस्या लेकर पहुंचते हैं। हड़ताल की वजह से वहां रोजाना पांच सौ से अधिक पेशेंट निराश होकर लौट रहे हैं। वे अपने इलाज के लिए जिला अस्पताल अथवा आंबेडकर अस्पताल की ओर जा रहे हैं और वहां भीड़ से बचने के लिए निजी डिस्पेंसरी में जाकर पैसे खर्च कर रहे हैं। हड़ताल की वजह से आंबेडकर अस्पताल में भी नर्सिंग स्टाफ की कमी हो गई है और उनके द्वारा सीएमएचओ को पत्र लिखकर वैकल्पिक इंतजाम करने की मांग की गई है।