IIM रायपुर में जनप्रतिनिधियों के लिए विशेष प्रशिक्षण: संचार-जनसंपर्क के आधुनिक तरीकों पर हुई चर्चा, अनुज शर्मा ने साझा किए सफलता के मंत्र

रायपुर जिले में नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ। विधायक अनुज ने महत्वपूर्ण विषयों पर अपना मार्गदर्शन प्रदान किया।

Updated On 2025-12-27 15:34:00 IST

प्रशिक्षण के दौरान विधायक अनुज शर्मा 

रायपुर। भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) रायपुर में पंचायत विभाग के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में संचार और जनसंपर्क के आधुनिक तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई। इस विशेष सत्र में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित धरसींवा विधायक अनुज शर्मा ने 'नैरेटिव बिल्डिंग' और 'पब्लिक रिलेशन-गवर्नमेंट मैसेजिंग' जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर अपना मार्गदर्शन प्रदान किया।

विधायक शर्मा ने जनप्रतिनिधियों को बताया कि, वर्तमान डिजिटल युग में केवल विकास कार्य करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उन कार्यों को जनता की सरल भाषा में उन तक पहुँचाना और एक सकारात्मक छवि निर्मित करना भी किसी भी जनप्रतिनिधि की सफलता के लिए अनिवार्य है।

सरकारी योजनाओं का दिया सही संदेश
विधायक शर्मा ने कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि, जनप्रतिनिधि केवल योजनाओं के क्रियान्वयन का माध्यम नहीं होते, बल्कि वे समाज के भरोसे के संरक्षक भी होते हैं। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि, सरकारी योजनाओं का संदेश सही भाषा, सही माध्यम और सही समय पर जनता तक पहुँचाना ही सफल 'गवर्नमेंट मैसेजिंग' का मूल आधार है।

शिष्ट भाषा के महत्व को किया रेखांकित
प्रशिक्षण के दौरान जनप्रतिनिधियों को भूमिका-अभिनय (रोल प्ले) के माध्यम से यह भी सिखाया गया कि, किस प्रकार विपरीत परिस्थितियों या तीखे सवालों के बीच भी आत्मविश्वास के साथ अपनी बात रखी जा सकती है। उन्होंने मीडिया के साथ संवाद के दौरान पारदर्शिता, तथ्यों की स्पष्टता और शिष्ट भाषा के महत्व को रेखांकित किया।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के रणनीतिक उपयोग की दी सलाह
सोशल मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए विधायक शर्मा ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म्स के रणनीतिक उपयोग की सलाह दी। उन्होंने कहा कि, किसी भी प्रकार की भ्रामक जानकारी या गलत सूचना का त्वरित खंडन करना आवश्यक है, ताकि जनता में भ्रम की स्थिति पैदा न हो। इसके साथ ही उन्होंने विकास कार्यों को केवल आंकड़ों में न बताकर उसे एक कहानी (स्टोरीटेलिंग) और दृश्यों (विजुअल) के रूप में प्रस्तुत करने का सुझाव दिया, जिससे लोग भावनात्मक रूप से जुड़ सकें। कार्यशाला के अंत में उन्होंने स्पष्ट किया कि, संकट की स्थिति में संयमित मीडिया हैंडलिंग ही जनता के विश्वास को और अधिक मजबूत करती है।

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