पटवारी की लापरवाही: एक ही परिवार के नाम पर कर दी गई 70 एकड़ भूमि
सरगुजा के राजपुर विकासखंड में एक ही परिवार के नाम कर दिए जाने के मामले में कलेक्टर बलरामपुर ने कोदौरा पटवारी टोप्पो को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
राजपुर। सरगुजा के राजपुर विकासखंड में एक बड़ा भूमि घोटाला सामने आया है जिसमें कई ग्रामों की शासकीय एवं निजी भूमि को भूमि को कथित रूप से अवैध तरीके से एक ही परिवार के नाम कर दिए जाने के मामले में कलेक्टर बलरामपुर ने कोदौरा पटवारी अजेन्द्र टोप्पो को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। बता दें कि ग्रामीणों ने ग्राम पंचायत कोदौरा, कोटडीह, भेण्डरी, परसवार खुर्द, करगडीहा और पकराडी में स्थित कुल लगभग 60 से 70 एकड़ भूमि जिसमें शासकीय एवं भू-स्वामियों की निजी भूमि शामिल है उसे कथित रूप से तहसीलदार राजपुर और संबंधित पटवारी की मिलीभगत से एक ही परिवार के सदस्यों के नाम पर दर्ज कर दिया गया है।
ग्रामीणों का आरोप है कि पूरा नामांतरण ऑनलाइन दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर किया गया है। महज कुछ सालों के भीतर बड़ी मात्रा में भूमि उक्त परिवार के नाम चढ़ा दी गई। ग्रामीणों ने बताया कि धान खरीदी पंजीयन के लिए जब उन्होंने ऑनलाइन खसरा-बी1 निकाला तो वास्तविक भूमि स्वामियों के नाम की जगह गुप्ता परिवार के नाम दर्ज मिले। ग्रामीणों ने कलेक्टर से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच, दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई तथा आरोपी परिवार के विरुद्ध तत्काल अपराध पंजीबद्ध करने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने के दौरान लघु वनोपज संघ के जिला अध्यक्ष लालसाय मिंज, नीरज तिवारी अशोक रस्तोगी, सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण थे।
पटवारी की आईडी से जोड़े गए नाम
इस मामले में ग्राम पंचायत पकराड़ी, सेमराकटरा, भेण्डरी, करमडीहा एवं कोटडीह के सरपंचों द्वारा 5 दिसंबर को तहसीलदार से शिकायत की गई थी कि विरेन्द्र गुप्ता एवं उसके परिवार के सदस्यों के नाम छत्तीसगढ़ शासन की बड़े झाड़ व छोटे झाड़ की जंगल भूमि पर फर्जी तरीके से दर्ज कर धान विक्रय हेतु उपयोग किया गया है। इस मामले की जांच तहसीलदार द्वारा कराई गई जिसमें पाया गया कि मैनुअल रिकॉर्ड में किसी भी प्रकार का संशोधन आदेश मौजूद नहीं है। इसके बावजूद ऑनलाइन कैफियत कॉलम में पटवारी आईडी से संबंधित व्यक्तियों के नाम जोड़ दिए गए।