खरीदी केंद्रों में धान जाम: किसान हो रहे परेशान, समिति प्रभारियों की बढ़ी समस्या

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर अब सहकारी समितियों में एक नई परेशानी खड़ी होने लगी है। धान का उठाव नहीं होने से समिति प्रभारियों की समस्या बढ़ गई है।

Updated On 2025-12-29 10:00:00 IST

File Photo 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी को लेकर अब सहकारी समितियों में एक नई परेशानी खड़ी होने लगी है। धान का उठाव नहीं होने से समिति प्रभारियों की समस्या बढ़ गई है। राज्य के 2739 खरीदी केंद्रों में लगभग 16 सौ खरीदी केंद्रों में बफर लिमिट से अधिक धान रखा हुआ है। धान खरीदी केंद्रों में जाम की स्थिति बन गई है। उठाव नहीं होने के कारण खरीदी केंद्रों में धान रखने की समस्या हो रही है, जिससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वहीं स्थिति को देखते हुए भी मार्कफेड और खाद्य विभाग के अधिकारी सुस्ती बरत रहे हैं। अब तक मिलर्स और ट्रांसपोर्टर्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 2739 खरीदी केंद्र बनाए गए हैं। इस वर्ष धान बेचने के लिए 27 लाख 43 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है। 15 नवंबर से धान खरीदी की जा रही है। अब तक 40 दिनों में 11.51 लाख किसानों से 60 लाख 87 हजार 547 मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी की जा चुकी है। वहीं उठाव के लिए 15 लाख मीट्रिक टन का डीओ और टीओ जारी किया गया, जिसमें मिलर्स और ट्रांपोर्टर्स द्वारा 11 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव किया गया है। शेष धान उपार्जन केंद्रों में पड़ा हुआ है। धान का उठाव नहीं होने से समिति प्रभारियों की समस्या बढ़ गई है। लगभग आधे से अधिक खरीदी केंद्रों में बफर लिमिट से अधिक धान रखा हुआ है, जो सूखने लगा है। विभागीय अधिकारियों की मानें तो इस वर्ष जिलों में मिलरों का कस्टम मिलिंग के लिए अनुबंध किया गया है, जिनके द्वारा 10 लाख 82 हजार मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है।

कई जिलों में खरीदी बंद होने के आसार
बफर लिमिट से अधिक धान जमा होने के कारण किसानों की परेशानी बढ़ रही है। कई खरीदी केंद्रों में धान रखने की जगह न होने के कारण खरीदी बंद होने के आसार हैं। इनमें कवर्धा के 108 में से 80 खरीदी केंद्रों में बफर लिमिट से अधिक धान रखा हुआ। गरियाबंद की 90 खरीदी केंद्रों में से 85 में बफर लिमिट से अधिक धान रखा हुआ है। वहीं महासमुंद के 182 खरीदी केंद्रों में से 130 में बफर लिमिट से अधिक धान रखा हुआ है। बेमेतरा जिले की 129 खरीदी केंद्रों में से 103 में बफर स्टॉक है। बलौदाबाजार के 166 खरीदी केंद्रों में से 111 में बफर स्टॉक है। अन्य जिलों में बालोद, राजनांदगांव, धमतरी, दुर्ग, रायपुर में खरीदी केद्रों में धान का बंपर स्टॉक जमा हो गया है। आने वाले दिनों में उठाव में तेजी नहीं आई तो धान खरीदी पर असर पड़ेगा।

समितियों को सूखत का डर
15 नवंबर से शुरू हुई धान खरीदी के बाद लगातार किसानों को टोकन जारी किए जा रहे हैं। किसान अपना धान लेकर खरीदी केंद्रों में पहुंच रहे हैं। अब प्रतिदिन दो से तीन लाख टन धान की आवक हो रही है। आवक के आधार पर समितियों द्वारा खरीदी की जा रही है। समितियों में धान जमा होने के साथ डीएमओ को उपार्जन केंद्रों में जमा धान की रिपोर्ट दे रहे हैं। डीएमओ द्वारा परिवहन के लिए डीओ नहीं काटने के कारण धान खुले में पड़ा है। दोपहर में धूप तेज होने के कारण धान की नमी में कमी देखने में आ रही है। समय पर उठाव नहीं होने के कारण समितियों को अब सूखत से नुकसान होने का खतरा बढ़ने लगा है।

खरीदी केंद्रों में बफर लिमिट बढ़ाई
धान खरीदी की नीति में पहले खरीदी केंद्रों की बफर लिमिट कम थी, इसे इस साल बढ़ा दिया गया। बफर लिमिट बढ़ाने के बाद भी अब मार्कफेड धान का उठाव नहीं कर पा रहा है। बफर लिमिट बढ़ाने का फायदा समितियों को न मिलकर उल्टा नुकसान देखा जा रहा है। मिलरों द्वारा परिवहन न करने के पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि उनके पास उठाव की लिमिट तय है। कुछ मिलरों ने यह लिमिट पिछले साल के धान की मिलिंग पूरी न करने के कारण क्रॉस कर ली है। वहीं संग्रहण केंद्रों में मार्कफेड की तैयारी न होने के कारण परिवहन नहीं किया जा रहा है।

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