कर्मचारियों की आज से हड़ताल: तीन दिन नहीं होगा कामकाज
छत्तीसगढ़ में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। यह हड़ताल 29 से 31 दिसंबर तक की जाएगी।
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रायपुर। छत्तीसगढ़ में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सरकारी कर्मचारियों ने तीन दिवसीय हड़ताल का ऐलान किया है। यह हड़ताल 29 से 31 दिसंबर तक पूरे प्रदेश में ब्लॉक और जिलास्तर पर की जाएगी। हड़ताल से सरकारी कामकाज प्रभावित होगा। केंद्र के समान डीए, एरियर्स, पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करने और मोदी गारंटी को पूरा करने समेत 11 सूत्रीय मांगें हैं।
फेडरेशन का कहना है कि, प्रदेश के कर्मचारियों के लिए मोदी की गारंटी की उपेक्षा से कर्मचारियों में सरकार के विरुद्ध भारी नाराजगी है। नवा रायपुर स्थित सभी विभागाध्यक्ष कार्यालयों में तालाबंदी होने का दावा फेडरेशन ने किया है। वहीं निगम, मण्डल, बोर्ड, आयोग, स्कूलों में भी तालाबंदी की संभावना है। फेडरेशन ने सारी स्थितियों को देखते हुए हड़ताल की प्रदेशव्यापी तैयारी कर ली है। राज्य के पांचों संभाग में समीक्षा बैठक के साथ ही प्रत्येक जिले में संयोजक द्वारा बैठकों का दौर जारी है। साथ ही सामूहिक अवकाश आवेदन भरा जा रहा है।
ये हैं 11 सूत्रीय मांगें
मोदी की गारंटी अनुसार, प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र सरकार के समान देय तिथि से महंगाई भत्ता और महंगाई राहत दी जाए। वर्ष 2019 से लंबित डीए एरियर्स की राशि कर्मचारियों के ईपीएफ खाते में समायोजित की जाए। राज्य के शिक्षकों, लिपिकों, स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग सहित विभिन्न संवगों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए पिंगुआ कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाए। राज्य में चार स्तरीय पदोन्नत समयमान वेतनमान क्रमश 8, 16, 24, 32 वर्ष में दिया जाए। सहायक शिक्षकों और सहायक पशु चिकित्सा अधिकारियों को भी त्रिस्तरीय समयमान वेतनमान दिया जाए। इसके अलावा नगरीय निकाय के कर्मचारियों को नियमित मासिक वेतन और समयबद्ध पदोन्नति दी जाए। प्रदेश में अन्य भाजपा शासित राज्यों की भांति कैशलेस सुविधा लागू की जाए। राज्य में अनुकंपा नियुक्ति निशर्त लागू करने के लिए स्थायी आदेश जारी किया जाए। वर्तमान में 10 प्रतिशत सीलिंग समाप्त करते हुए सीधी भर्ती के समस्त पदों पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।