नक्सलियों ने स्वीकारा: हमारे 320 साथी मारे गए, इनमें 8 सेंट्रल कमेटी-15 राज्य समिति के सदस्य

नक्सलियों ने एक पर्चा जारी कर हुए मारे गए साथियों की जानकारी दी है। उन्होंने स्वीकारा कि पोलित ब्यूरो मेंबर और महासचिव राजू का एनकाउंटर संगठन का बड़ा नुकसान है।

Updated On 2025-11-24 09:08:00 IST

File Photo 

जगदलपुर। नक्सलियों ने एक पर्चा जारी कर हुए मारे गए साथियों की जानकारी दी है। इस दौरान उन्होंने यह स्वीकारा है कि पोलित ब्यूरो मेंबर और महासचिव बसवा राजू का एनकाउंटर संगठन का बड़ा नुकसान है। नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी ने जारी किए गए बुकलेट के अनुसार पिछले 11 महीने में देशभर में उनके कुल 320 साथी मारे गए हैं। इनमें 8 सेंट्रल कमेटी के सदस्य हैं, जबकि 15 राज्य समिति मेंबर्स हैं। पोलित ब्यूरो मेंबर और महासचिव बसवा राजू के एनकाउंटर को नक्सल संगठन ने बड़ा नुकसान माना है।

नक्सलियों ने 2 से 8 दिसंबर तक 25वीं वर्षगांठ मनाने की बात कही है। नक्सल संगठन की सेंट्रल कमेटी ने 17 पेज का एक बुकलेट जारी किया है। इस बुकलेट में लिखा है कि दिसंबर 2024 से नवंबर 2025 तक इन 11 महीनों में देशभर में पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ है, जो 320 साथी मारे गए हैं, उनमें 187 पुरुष और 117 महिलाएं हैं। हालांकि, अन्य 20 लोगों का विवरण केंद्रीय कमेटी के पास भी नहीं है। नक्सलियों ने कहा कि भूपति और सतीश गद्दार हैं। उनके नेतृत्व में 299 लोगों ने आत्मसमर्पण किया है।

किस राज्य में कितने मारे गए
नक्सलियों के मुताबिक, बिहार-झारखंड में 22, ओडिशा में 33, महाराष्ट्र-मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ (एमएमसी) बॉर्डर पर 6, तेलंगाना में 8, एओबी में 6, दंडकारण्य (दक्षिण बस्तर) में 243 साथी मारे गए हैं। इनमें 8 सीसीएम, 15 एससीएम, 25 जिला कमेटी स्तर. 73 एसीएम, 116 पार्टी सदस्य, 13 पीएलजीए सदस्य, 33 स्थानीय जन निर्माण के सदस्य शामिल हैं। अन्य 37 कैडर्स की जानकारी केंद्रीय समिति के पास नहीं है।

सुधार व पुनर्वास का दरवाजा हमेशा खुला रहेगा
बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुन्दरराज पट्टलिंगम ने कहा है कि, सरकार बस्तर के हर हिस्से में समावेशी विकास, स्थायी शांति और सार्थक प्रगति के लिए दृढ़ संकल्पित है। सड़कों, स्कूलों, अस्पतालों, आजीविका कार्यक्रमों, कल्याणकारी योजनाओं और कनेक्टिविटी में हो रहे तेज परिवर्तन उन दूरस्थ क्षेत्रों को नया जीवन दे रहे हैं, जहां माओवादी हस्तक्षेप के कारण वर्षों तक बुनियादी सुविधाओं का अभाव था। पहले भय और अलगाव में जीने वाली समुदाय अब आत्मविश्वास, उम्मीद और शांति की मजबूत इच्छा के साथ आगे बढ़ रहे हैं। आईजी ने कहा कि सरकार की ओर से सभी माओवादी कैडरों चाहे वे पीएलजीए यूनिटों, स्थानीय संगठनों या उच्च स्तरीय संरचनाओं में हों से दृढ़ अपील करते हैं कि वे हिंसा का रास्ता छोड़ें, हथियार डालें और मुख्यधारा में लौट आएं। सम्मानजनक जीवन, सुरक्षा, पुनर्वास और प्रगति के अवसर प्रत्येक आत्मसमर्पण करने वाले का इंतजार कर रहे हैं। जो भी ईमानदारी से लौटना चाहता है, उसके लिए सुधार और पुनर्वास का दरवाजा हमेशा खुला रहेगा। बस्तर की जनता को शांति, अवसर और विकास चाहिए न कि भय, रक्तपात और झूठे वादे।

Tags:    

Similar News