बस्तर में भड़की CRMC आंदोलन की चिंगारी: नारायणपुर से उठी आवाज़ अब पूरे संभाग में गूंजी, डॉक्टर-नर्सों ने ब्लैक रिबन पहन कर जताया विरोध

नारायणपुर जिले में शुरू हुआ विरोध पूरे बस्तर के 6 जिलों में फैल गया। स्वास्थ्यकर्मियों के कठिन परिस्थितियों में काम करने के बाद भी प्रोत्साहन राशि बकाया है।

Updated On 2025-11-25 15:59:00 IST

ब्लैक रिबन बांधे हुए डॉक्टर और नर्स

नारायणपुर। बस्तर संभाग में 11 महीने से लंबित CRMC (नक्सल क्षेत्र प्रोत्साहन राशि) के भुगतान को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों का गुस्सा अब उबाल पर है। नारायणपुर जिले में शुरू हुआ विरोध आज पूरे बस्तर के छह जिलों- नारायणपुर, कोंडागांव, बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और बस्तर (जगदलपुर) में फैल गया। डॉक्टरों, नर्सों, ANM और RMA ने आज ब्लैक रिबन पहनकर प्रतीकात्मक विरोध कर सरकार को कड़ा संदेश दिया।

बता दें कि, स्वास्थ्यकर्मी लगातार नक्सल प्रभावित, कठिन और जानलेवा परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। इसके बावजूद प्रत्येक डॉक्टर पर 2.5 रुपये से 3 लाख रुपये CRMC लंबित, नर्सों पर 30,000 रुपये से 40,000 रुपये तक बकाया, बस्तर संभाग में कुल बकाया राशि कई करोड़ रुपये।


इन मंत्रियों और अधिकारीयों से हुई चर्चा
स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि, यह देरी सीधा मनोबल तोड़ने वाला कदम है। मंत्री और शीर्ष अधिकारियों से कई दौर की चर्चा हुई। इस मसले पर कई बार हाई-लेवल चर्चाएँ की गईं। जिनमें कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, राज्य स्वास्थ्य सचिव अमित कटारिया, DHS कमिश्नर और MD-NHM डॉ. प्रियंका जे. शुक्ला शामिल थे।




आज तक नहीं हुई कोई निर्णयात्मक कार्रवाई
नारायणपुर के डॉक्टरों ने पहले बैठक में केदार कश्यप से मुलाकात कर CRMC लंबित भुगतान की स्थिति बताई थी। तत्पश्चात कश्यप ने स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव से फोन पर चर्चा कर समाधान का आश्वासन दिया था। लेकिन आज तक कोई निर्णयात्मक कार्रवाई नहीं हुई। यही कारण रहा कि, नारायणपुर का विरोध अब पूरे बस्तर संभाग का आंदोलन बन चुका है।




प्रतीकात्मक विरोध, लेकिन संदेश बेहद कठोर
25 नवंबर को सभी जिलों के अस्पतालों में डॉक्टरों, नर्सों और स्वास्थ्यकर्मियों ने काले रिबन के साथ ड्यूटी की OPD और Emergency सेवाएँ सामान्य रहीं। परंतु उनका संदेश सीधा था कि, हम जनता के खिलाफ नहीं, बल्कि लापरवाह व्यवस्था के खिलाफ हैं। इतने जोखिम वाले क्षेत्र में काम करने वालों को 11 महीने तक प्रोत्साहन राशि न देना अन्याय है।


इस आंदोलन में पूरा बस्तर एक साथ
नारायणपुर पहले ही घोषणा कर चुका है। 30 नवंबर तक भुगतान नहीं हुआ तो, 1 दिसम्बर 2025 से संभाग-स्तरीय OPD बंद रहेंगे। आज के संयुक्त विरोध को देखकर अब यह लगभग तय माना जा रहा है कि, पूरा बस्तर इस आंदोलन में एक साथ खड़ा है।


सरकार पर टिकी हैं सभी की नजरें
नारायणपुर की पहल से शुरू हुआ यह आंदोलन अब पूरे बस्तर में फैल चुका है। लाखों रुपये की लंबित राशि और 11 महीनों की प्रतीक्षा ने डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को अब निर्णायक कदम उठाने पर मजबूर कर दिया है। अब नज़रें सरकार, स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव और DHS/NHM प्रशासन पर टिकी हैं। क्या वे समय पर CRMC भुगतान करेंगे? या 1 दिसम्बर से बस्तर संभाग इतिहास के सबसे बड़े स्वास्थ्य आंदोलन का सामना करेगा?



 


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