तस्करों के आगे बेबस वन विभाग: डेढ़ लाख की 10 सागौन लठ्ठा नदी किनारे छोड़ भागे तस्कर
लोरमी में वन विभाग की टीम ने 10 नग सागौन लठ्ठा बरामद किया है। तस्कर नदी के रास्ते लेकर जा रहे थे, लेकिन गश्त की भनक लगते ही वे लकड़ी छोड़कर फरार हो गए।
अचानकमार टाइगर रिजर्व
राहुल यादव- लोरमी। छत्तीसगढ़ के लोरमी में वन विभाग की सतर्कता और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कीमती सागौन की अवैध कटाई और परिवहन का खेल लगातार जारी है। ताज़ा मामला खुड़िया वन परिक्षेत्र का है, जहाँ मंगलवार की रात तस्करों ने चचेड़ी बीट परिसर में कीमती 10 नग सागौन लठ्ठा नदी किनारे पुष्पा फ़िल्म के स्वेग पर छोड़ दिया। बताया जा रहा है कि तस्कर नदी के रास्ते इसे बाहर भेजने की फिराक में थे, मगर गश्त की भनक लगते ही लकड़ी को लावारिस हालत में छोड़कर फरार हो गए।
वन विभाग की टीम ने मौके से 1.630 घन मीटर सागौन जप्त कर पीओआर क्रमांक 19831/02 पर कार्रवाई तो जरूर की है, मगर बड़ा सवाल यह है कि – जब तस्कर खुलेआम कटाई और ढुलाई कर रहे थे, तो विभाग के जिम्मेदार अफसर कहाँ थे? बाजार में करीब डेढ़ लाख की यह ईमारती लकड़ी तस्करों के हाथ लगती, इससे साफ है कि क्षेत्र में लकड़ी माफिया बेखौफ सक्रिय हैं।
वनमंडलाधिकारी और एसडीओ के निर्देश के बाद हुआ एक्शन
इस कार्रवाई को वनमंडलाधिकारी अभिनव कुमार और एसडीओ दशांश सूर्यवंशी के मार्गदर्शन में रेंजर रूद्र कुमार ने अंजाम दिया। लेकिन हकीकत यह है कि तस्कर आसानी से लकड़ी काटकर नदी किनारे तक पहुँचा देते हैं और विभाग सिर्फ जप्ती दिखाकर अपनी पीठ थपथपाता नजर आता है।
आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई- SDO
फिलहाल एसडीओ दशांश सूर्यवंसी ने हरिभूमि को बताया कि हम लोगों का भरपूर प्रयास रहा और लगातार गस्ती करते रहती हैं। हमारा मुख्य उद्देश्य वाहन जप्त करना। हालांकि, इमारती लकड़ी पकड़ाया है। आगे भी इसी प्रकार कार्यवाही होते रहेगी। साथ ही वनांचल सहित शहरी इलाके में अगर कोई भी प्रकार की वन्य जीवों तथा वनों की कटाई या तस्करी करते कोई नज़र आये तो एक बार विभाग के कर्मचारियों को या सीधा मझे अवगत कराएं।