खैरागढ़ में दुकान नीलामी घोटाला: गंभीर अनियमितताओं पर CMO और राजस्व निरीक्षक सस्पेंड
खैरागढ़ जिले के नगर पालिका परिषद में हुए दुकान नीलामी घोटाले को लेकर दो अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की है।
नगर पालिका परिषद खैरागढ़
प्रदीप बोरकर- खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ नगर पालिका परिषद में हुई दुकान नीलामी घोटाले को लेकर दो अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की गई है। कार्रवाई करते हुए नगर पालिका के सीएमओ कोमल ठाकुर और राजस्व निरीक्षक राजेश तिवारी को निलंबित कर दिया गया है।
उच्च-स्तर पर शिकायत होने के बाद राज्य शासन ने कड़ा कदम उठाया है। नीलामी प्रक्रिया में नियमों के गंभीर उल्लंघन और आर्थिक अनियमितताओं की प्रारंभिक जांच में दोषी पाए जाने पर मुख्य नगर पालिका अधिकारी कोमल ठाकुर और राजस्व प्रभारी राजेश तिवारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबन अवधि के दौरान इन दोनों अधिकारियों का मुख्यालय दुर्ग क्षेत्रीय कार्यालय निर्धारित किया गया है।
जांच रिपोर्ट में सामने आईं खामियां
जांच रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2025 में संपन्न दुकान नीलामी में गंभीर आर्थिक अनियमितताएँ सामने आई हैं। नगर पालिका ने नियमों की अवहेलना करते हुए पहले से बकाया राशि वाले और निष्कासित बोलीकर्ताओं को नीलामी में फिर से शमिल होने की अनुमति दी थी।
मुख्य नगर पालिका अधिकारी कोमल ठाकुर - राजस्व निरीक्षक राजेश तिवारी
नीलामी में गड़बड़ी ही नहीं बल्कि 64.77 लाख का नुकसान
इस कदम से न केवल नीलामी नियमों का उल्लंघन हुआ, बल्कि परिषद को लगभग 64 लाख 77 हजार रुपए की बड़ी राजस्व हानि भी झेलनी पड़ी। यह भी पाया गया कि, वर्ष 2023 की तुलना में 2025 की नीलामी में अधिकतर दुकानों की बोली दरें जानबूझकर आधी से भी कम रखी गईं, जिससे चहेते ठेकेदारों को अनुचित लाभ मिला।
नीलामी निरस्त करने की मांग
यह कार्रवाई मुख्य रूप से नगर पालिका परिषद खैरागढ़ के विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन की विस्तृत शिकायत के बाद हुई है। देवांगन ने नगरीय प्रशासन विभाग रायपुर को शिकायत भेजी थी, जिसमें मिलीभगत कर नगर पालिका को भारी आर्थिक नुकसान पहुँचाने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने दोषियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने और वर्तमान नीलामी को तत्काल निरस्त करने और नई पारदर्शी प्रक्रिया लागू करने की मांग की है।
40 से 60 फीसदी कम राशि में नीलामी
विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने शिकायत के साथ वर्ष 2023 और 2025 की नीलामी की तुलनात्मक रिपोर्ट भी संलग्न की है, जिसमें कई दुकानों की बोली में 40 से 60 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई थी।