अंधेरे में बैगा जनजाति का गांव: बुनियादी सुविधाओं से वंचित गड़हीदादर, ग्रामीणों ने प्रशासन से की बिजली और पानी की मांग
कवर्धा के ग्राम गड़हीदादर में आजादी के बाद से अब तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। पीने के पानी के लिए ग्रामीणों को 2-3 किलोमीटर दूर झिरने पर निर्भर रहना पड़ रहा है।
बिजली और पानी की मांग के लिए कलेक्टर कार्यालय पहुंचे ग्रामीण
संजय यादव - कवर्धा। आजादी के इतने वर्षों बाद भी कवर्धा जिले के वनांचल इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का अभाव चौंकाने वाला है। बोड़ला विकासखंड के ग्राम गड़हीदादर में आज तक बिजली की रोशनी नहीं पहुंच पाई, जिससे यहां रहने वाले बैगा जनजाति के लोग अंधेरे में जीवन यापन करने को मजबूर हैं।
पीने के पानी के लिए 3 किलोमीटर की दूरी
गांव की स्थिति और भी गंभीर तब हो जाती है, जब पीने के पानी की बात आती है। गांव में पानी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। ग्रामीणों को 2 से 3 किलोमीटर दूर स्थित झिरने से पानी लाकर अपनी दैनिक जरूरतें पूरी करनी पड़ती हैं।
योजनाएं कागजों तक सीमित
जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर दूर बसे इस गांव में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं केवल कागजों तक सीमित नजर आ रही हैं। बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के अभाव में ग्रामीणों का जीवन बेहद कठिन हो गया है।
कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर रखी मांगइन्हीं समस्याओं से त्रस्त होकर ग्राम गड़हीदादर के ग्रामीण कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और प्रशासन से बिजली एवं पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं जल्द उपलब्ध कराने की मांग की। ग्रामीणों ने उम्मीद जताई है कि उनकी पीड़ा पर अब ठोस कार्रवाई होगी।