अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस: छात्राओं ने स्ट्रीट प्ले के जरिए समझाया साक्षरता का महत्व

रायपुर जिले के शासकीय दू.ब. स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया गया। स्ट्रीट प्ले के जरिए साक्षरता के महत्व को प्रस्तुत किया।

Updated On 2025-09-14 13:54:00 IST

अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस ये रहे उपस्थित 

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शासकीय दू.ब. स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस का आयोजन किया गया। प्राचार्य डॉ किरण गजपाल के मार्गदर्शन में यह आयोजन सम्पन्न हुआ।

कार्यक्रम की संयोजक डाॅ. ॠचा शर्मा ने साक्षरता दिवस मनाने के कारण, भारत में साक्षरता दर, सवसे अधिक और सबसे कम दर किस राज्य मे है, जानकारी दी। साथ ही दर बढ़ाने के उपायों को भी बताया।

यूएनओ की थीम है लिटरेसी इन डिजिटल एरा
इस अवसर पर महाविद्यालय की वरिष्ठ प्राध्यापक अंग्रेजी विभाग की विभागाध्यक्ष तथा कार्यक्रम की अध्यक्ष डाॅ. जया तिवारी ने बताया कि, साक्षर का अर्थ होता है, स+अक्षर, अर्थात् अक्षर के साथ। उन्होने यह भी बताया कि, इस वर्ष के लिए यूएनओ की थीम लिटरेसी इन डिजिटल एरा है, अब यह तो इंसान के हाथ है, कि वह इससे फायदा उठाए, या नुकसान।


साक्षरता का महत्त्व स्ट्रीट प्ले के माध्यम से बताया गया
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा साइकोलाॅजी विभाग की एम ए प्रथम और तृतीय सेमेस्टर की छात्राओं ने किया स्ट्रीट प्ले। जिसमें छात्राओं ने विभिन्न पात्रों को अभिनीत कर यह बताया कि, साक्षर न होने पर क्या क्या नुकसान उठाने पड़ते हैं। एक किसान जिसकी फसल बरबाद हो गई। अब उसने सुना तो है कि, सरकार मुआवजा देगी, पर उसे ये नही मालूम कि फाॅर्म कैसे भरे, कहां जाए, किससे मिले। इसी तरह एक पत्नी जिसे घर में बिलकुल भी इज्जत नहीं मिलती, एक बेटा जिसने पिता की बात न मानकर आवारागर्दी में दिन गुजारे अब चपरासी की नौकरी करनी पड़ रही है।


छात्राओं ने स्ट्रीट प्ले के माध्यम से साक्षरता के महत्त्व को दर्शाया
एक अनपढ़ महिला, जिसकी बेटी की पढ़ाई छुड़ाकर जबरन शादी करवाई जा रही है, वह चाहकर भी बेटी का पक्ष नही ले पाती, एक विधवा, जो पति की मृत्यु के बाद बच्चों को पालने मे असमर्थ है, आदि दृश्यों के माध्यम से छात्राओं ने अपनी बात बखूबी समझाई। इसके बाद विभिन्न नारों के साथ छात्राओं ने अपने प्ले के लिये बहुत तालियां बटोरीं। इस अवसर पर साक्षरता समिति से डाॅ. उमा गुप्ता, डाॅ.मुक्ता मल्होत्रा, साइकोलाॅजी विभाग से डॉ. मिनी एलेक्स, डाॅ.श्रुति खरे एवम् बड़ी संख्या में छात्राएं उपस्थित रहीं।

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