धर्मांतरण पर बड़ा फैसला: हाईकोर्ट ने शासन के तर्क को पाया सही, CJ बोले- दिक्कत होने पर ग्राम सभा या एसडीएम के पास करें आवेदन
धर्मांतरण मामले की सुनवाई में हाईकोर्ट ने शासन के तर्क को सही पाया। CJ की डिवीजन बेंच ने कहा कि, कोई दिक्कत है तो ग्राम सभा या एसडीएम के पास आवेदन करें।
हाईकोर्ट
पंकज गुप्ते- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में मंगलवार को धर्मांतरण मामले में हुई सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने दायर जनहित याचिका को यह कहते हुए निराकृत कर दिया कि अगर किसी से दिक्कत या परेशानी है तो पहले ग्राम सभा के पास आवेदन करें, वहां सुनवाई नहीं होने पर एसडीएम के पास जाए।
आपको बता दें की कांकेर जिला के भानुप्रतापपुर स्थित ग्राम घोटिया समेत कई आदिवासी ग्राम पंचायतों ने लगातार हो रहे धर्मांतरण को लेकर बैठक की जिसमें बढ़ते धर्मान्तरण पर रोक लगाने ईसाई समाज के लोगों का गांव में प्रवेश वर्जित करने गांव के बाहर होर्डिंग लगाने का निर्णय लिया गया। बाहर होर्डिंग में लिखा गया कि पेशा कानून के तहत ग्राम सभा को अधिकार है कि वे अपनी संस्कृति की रक्षा कर सकते है। इसके तहत ईसाई,पादरी, बाहरी धर्मांतरित का गांव में प्रवेश वर्जित है। इसी को लेकर ईसाई समाज और सामाजिक कार्यकर्ता अपने मौलिक अधिकार का हनन बताते हुए हाईकोर्ट की शरण ली।
हाईकोर्ट ने शासन के तर्क को पाया सही
इससे पहले खारिज हुई याचिका में बहस के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया था कि बाहरी लोग गांव में आकर आदिवासी लोगों का ब्रेन वाश कर उन्हें उनके पारंपरिक और सांस्कृतिक पूजन पाठन से मना कर उनका धर्मांतरण करवाते है। हाईकोर्ट ने शासन के तर्क को सही पाया और याचिकाकर्ताओं की याचिका को निराकृत (निपटारा) यह कहते हुए कर दिया कि पहले ग्राम सभा फिर एसडीएम के पास आवेदन करें।