सरकारी विभागों को लगेगा स्मार्ट करंट: तीन हजार करोड़ बकाया है बिजली बिल,कनेक्शन होगा प्रीपैड
प्रदेशभर के सरकारी विभागों को नए साल में स्मार्ट करंट लग सकता है। ज्यादातर सरकारी विभागों में स्मार्ट मीटर लग गए हैं।
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रायपुर। प्रदेशभर के सरकारी विभागों को नए साल में स्मार्ट करंट लग सकता है। ज्यादातर सरकारी विभागों में स्मार्ट मीटर लग गए हैं। अभी तो ये पोस्टपैड हैं, लेकिन इसको प्रीपैड करने की तैयारी है। इसके लिए प्रदेश सरकार से मंजूरी का इंतजार है। सरकार इसकी मंजूरी देगी, तो इसके लिए बजट में प्रावधान भी करना पड़ेगा। वैसे भी इस समय सरकारी विभागों पर बिजली बिल बकाया तीन हजार करोड़ हो गया है। इस बकाया को पहले है। इस बकाया को पहले क्लीयर करने के साथ रीचार्ज कराने के लिए भी हर विभाग को बजट देना पड़ेगा।
प्रदेशभर में पुराने मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेजी से चल रहा है। 1.72 लाख सरकारी विभागों में स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। इसमें से सवा लाख में ये मीटर लग गए हैं। बचे करीब 50 लाख मीटरों को भी लगाने का काम तेजी से हो रहा है। ये मीटर पंचायतों और आंगनबाड़ी के ही ज्यादा बचे हैं।
आरडीएसएस योजना खतरे में
केंद्र सरकार से आरडीएसएस योजना के तहत कई योजनाओं में करोड़ों रुपए मिलते हैं। लेकिन अब इसके लिए यह शर्त हो गई है कि राज्य सरकार पर कोई बकाया नहीं होना चाहिए। यही वजह है कि राज्य सरकार की तरफ से प्रयास होता है कि पॉवर कंपनी का कोई बकाया न रहे। पुराना बकाया भी धीरे-धीरे करके दिया जा रहा है। लेकिन इस समय सरकारी विभागों का बकाया जिस तरह से बढ़ गया है, उससे तय है कि केंद्र सरकार से मिलने वाली विभिन्न योजनाओं की मदद पर असर पड़ सकता है।
तीन हजार करोड़ बकाया
सरकारी विभागों पर बकाया लगातार बढ़ते जा रहा है। बीते साल अगस्त में यह बकाया 1988 करोड़ था जो बढ़ते-बढ़ते मार्च 2025 में 2444.91 करोड़ हो गया था। अब यह बकाया तीन हजार करोड़ हो गया है। इसमें सबसे बड़ा बकाया नगरीय निकायों पर 19 सौ करोड़ से ज्यादा का है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग पर 600 करोड़ से ज्यादा है। इसी के साथ अन्य विभागों पर एक करोड़ से लेकर सौ करोड़ तक का बकाया है।
ये हैं बड़े बकायादार
- नगरीय निकाय एवं विकास विभाग 1900 करोड़ से ज्यादा
- पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग 600 करोड़ से ज्यादा
- लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग पर 100
- स्कूल शिक्षा विभाग करीब 78 करोड़
- चिकित्सा विभाग 45 करोड़
- गृह विभाग 35 करोड़
- जल संसाधन विभाग 26 करोड़
- आवास एवं पर्यावरण 15 करोड़
- महिला एवं बाल विकास 24 करोड़
- वन विभाग 13 करोड़
- आदिम जाति कल्याण विभाग 20 करोड़
- लोक निर्माण विभाग 13 करोड़
बजट में करना पड़ेगा प्रावधान
पॉवर कंपनी हमेशा से ही सरकारी विभागों के बकाया से परेशान रहती है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद सरकारी विभागों के कनेक्शनों को प्रीपेड करने का प्रदेश सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है। वहां से मंजूरी के बाद ही कनेक्शन प्रीपैड होंगे। इसके लिए सरकार को भारी मशक्कत करनी पड़ेगी। जानकारों का कहना है कि पहले तो पुराने बकाया को क्लीयर करने के लिए बजट देना पड़ेगा। इसी के साथ हर विभाग को रीचार्ज कराने के लिए भी अलग से बजट देना पड़ेगा। ऐसे में सरकार को नए बजट सत्र में यह प्रावधान करना होगा। नए बजट में यह प्रावधान होने पर ही सरकारी विभागों के कनेक्शव अप्रैल से ही प्रीपैड हो सकेंगे।