शराब घोटाले में ईओडब्ल्यू का पूरक चालान: निरंजन दास ने कमाए 16 करोड़, दीपेश, नितेश,अतुल और अनवर ने कमाई अकूत दौलत
शराब घोटाला में ईओडब्ल्यू, एसीबी की टीम ने बुधवार को स्पेशल कोर्ट में तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास सहित छह आरोपियों के चालन पेश किया।
रायपुर। करोड़ों रुपए के शराब घोटाला में ईओडब्ल्यू, एसीबी की टीम ने बुधवार को स्पेशल कोर्ट में तत्कालीन आबकारी आयुक्त निरंजन दास सहित छह आरोपियों के चालन पेश किया। चालान 63 सौ पन्नों का है। ईओडब्लू, एसीबी की टीम शराब घोटाला में अब तक 50 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश कर चुकी है। शराब घोटाला की अगली सुनवाई आठ जनवरी को होगी।
शराब घोटाला में ईओडब्लू ने तत्कालीन आबकारी आयुक्त खिलाफ 6वां पूरक निरंजन दास, ओम साईं ब्रेवरेज के संचालक अतुल सिंह, मुकेश मनचंदा, होटल कारोबारी नितेश पुरोहित, उसका बेटा यश पुरोहित, अनवर ढेबर का दोस्त तथा होटल वेलिंगटन के मैनेजर दीपेन चावड़ा के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया है। जिन लोगों के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया गया है, वे सभी न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।
लाभ पहुंचाने नीति में परिवर्तन
कोर्ट में पेश पूरक चालान में उल्लेख किया गयाहै कि निरंजन दास ने अपने तीन वर्ष के कार्याकाल में शराब सिंडिकेट से जुड़े लोगों को लाभ पहुंचाने नियमों में परिवर्तन किया। साथ ही विभागीय टेंडर में गड़बड़ी करने का आरोप है। ऐसा करने में निरंजन दास को अनिल टूटेजा तथा अनवर ढेबर का संरक्षण प्राप्त था।
हर माह मिलता था 50 लाख रुपए कमीशन
कोर्ट में पेश आरोप पत्र में निरंजन दास पर आरोप लगाया गया है कि नीति में बदलाव करने तथा सिंडिकेट से जुड़े लोगों को मदद करने के एवज में निरंजन दास को हर माह कमीशन के रूप में 50 लाख रुपए मिलता था। निरंजन दास को उनके कार्यकाल के दौरान कुल 16 करोड़ रुपए कमीशन मिलने का उल्लेख आरोप पत्र में किया गया है। कमीशन की राशि 16 करोड़ रुपए से ज्यादा मिलने की ईओडब्लू ने आशंका व्यक्त की है। कोर्ट में पेश पूरक चालान में उल्लेख किया गया है कि घोटाले से प्राप्त रकम को निरंजन दास ने अपने परिजनों के नाम पर अचल संपत्ति अर्जित करने में खर्च की है।
ओम साईं बेवरेज को मिला 114 करोड़
विदेशी शराब निर्माता कंपनियों के माध्यम से जबरन कमीशन उगाही करने बनाई गई दोषपूर्ण एफएल 10-ए लाइसेंस के लाभार्थी ओम साई बेवरेज के संचालक अतुल सिंह तथा मुकेश मनचंदा ने सिंडिकेट तक कमीशन पहुंचाया। इस तरह से ओम साई ब्रेवरेज कार्पोरेशन के संचालकों ने शराब आपूर्ति में घोटाला कर 114 करोड़ रुपए का बेनामी लाभ अर्जित किया। इससे शासन को 530 करोड़ रुपए से ज्यादा का राजस्व नुकसान हुआ।
उगाही की रकम को ठिकाने लगाते थे
होटल गिरीराज के मालिक नितेश पुरोहित तथा उसका बेटा यश पुरोहित शराब घोटाले की रकम को अनवर ढेबर के कहने पर ठिकाना लगाने का काम करते थे। इन दोनों पिता-पुत्र द्वारा एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम ठिकाना लगाए जाने के ईओडब्लू को साक्ष्य मिले हैं।
अनवर की रकम मैनेज करता था दीपेन
कोर्ट में पेश पूरक चालान में उल्लेख किया गया है कि अवनर ढेबर का पुराना मित्र दीपेन चावड़ा अनवर के होटल वेलिंगटन में मैनेजर का काम संभालता था। सिंडिकेट के कहने पर दीपेन शीर्ष पदों पर बैठे लोगों तक पैसा पहुंचाने तथा सुरक्षित रखने का काम करता था। अनवर ढेबर को प्राप्त कमीशन की राशि मैनेज करने दीपेन ने श्री एग्रो के नाम से कंपनी बनाई थी, जिसका वो खुद डायरेक्टर था। दीपेन चावड़ा अनवर ढेबर के शराब के साथ अन्य घोटाले की रकम को अपने श्री एग्रो में निवेश कर व्हाइट मनी में तब्दील करने का काम करता था।