आखिर क्या हुआ नवोदय विद्यालय में छात्र के साथ: क्या सच में सहपाठियों ने तंगाया, या फिर बात कुछ और

डोंगरगढ़ के नवोदय विद्यालय में एक छात्र से उसके सहपाठियों ने उसका गला दबाने की कोशिश की। आरोप है कि, शिकायत करने पर भी शिक्षकों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

Updated On 2025-09-20 20:04:00 IST

पीड़ित छात्र 

राजा शर्मा- डोंगरगढ़। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ के नवोदय विद्यालय से सामने आई घटना ने फिर से शिक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। जहां कक्षा 6वीं में पढ़ने वाले छात्र ने अपने साथियों और कुछ शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पीड़ित छात्र का कहना है कि 17 तारीख को उसके सहपाठियों ने उसका गला दबाने की कोशिश की। शिकायत करने पर भी शिक्षकों ने कोई कार्रवाई नहीं की। यही नहीं, 18 तारीख को छात्र पर फिर हमला हुआ। रस्सी से उसकी पीठ पर मारपीट की गई और उसे धमकी दी गई कि अगर उसने दुबारा शिकायत की तो उसे जान से मार देंगे। आरोप है कि लगातार दबाव और धमकियों से परेशान होकर बच्चे ने आत्महत्या का प्रयास तक किया।

इस मामले के तूल पकड़ने पर जिला शिक्षा अधिकारी, एसडीएम और बीईओ मौके पर पहुंचे और जांच शुरू कर दी गई। स्कूल प्रशासन ने हालांकि आरोपों को खारिज किया है। प्रिंसिपल संजय कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने अभी हाल ही में पदभार संभाला है। उनका कहना है कि पीड़ित छात्र शारीरिक रूप से कमजोर है, उसकी आंखों में समस्या है और इसी कारण उसे स्कूल और हॉस्टल लाइफ में कठिनाई हो रही है। आत्महत्या की कोशिश की बात को उन्होंने सिरे से नकार दिया और कहा कि बच्चा खुद घर जाना चाहता है। 

बच्चे को आँखों की बीमारी- एजुकेशनल काउंसलर
वहीं, एजुकेशनल काउंसलर मृदुला निगम ने भी छात्र की आंखों की गंभीर बीमारी और उसकी शारीरिक कमजोरी की पुष्टि की। उनका कहना है कि इन कारणों से बच्चा कई बार मानसिक दबाव में आ जाता है और भीड़ या छोटी घटनाओं को भी बड़ा समझ बैठता है। 

DEO ने लिया मामले का संज्ञान
जिला शिक्षा अधिकारी प्रवास बघेल ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर उन्होंने खुद संज्ञान लेकर जांच की। शुरुआती जांच में यह सामने आया कि बच्चा हॉस्टल लाइफ की कठिनाइयों से घबरा गया है और घर लौटने की जिद में यह कदम उठाया। हालांकि, डीईओ ने माना कि इस तरह की घटनाएं चिंताजनक हैं और भविष्य में छोटे बच्चों की काउंसलिंग व निगरानी पर और सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे। 

सवालों के घेरे में स्कूल प्रशासन
ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या एक मासूम छात्र के गले पर फांसी का फंदा बनने तक स्कूल प्रशासन सोया रहा? क्या शिकायत के बावजूद कार्रवाई न करना स्कूल की बड़ी लापरवाही नहीं है? सूत्रों की मानें तो पीड़ित बच्चे ने अपने वीडियो में यहां तक कहा है कि स्कूल प्रबंधन ने उससे जबरन लेटर लिखवाया है। बहरहाल, नवोदय विद्यालय डोंगरगढ़ में यह पहली घटना नहीं है। पिछले साल भी एक छात्र ने खुदकुशी की थी। ऐसे में बार-बार उठ रहे सवाल यही हैं कि आखिर कब तक मासूमों की जिंदगी दांव पर लगती रहेगी और कब शिक्षा विभाग इस पर ठोस कदम उठाएगा?

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