डीएमएफ नियम में बड़ा बदलाव: अब 70 प्रतिशत राशि खर्च होगी पेयजल, पर्यावरण, शिक्षा और स्वास्थ्य पर
अब सरकार ने तय किया है कि, डीएमएफ की राशि में से 70 प्रतिशत पेयजल, पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, जैसे काम में खर्च की जाएगी।
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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने जिला खनिज संस्थान न्यास ( डीएमएफ) नियम में बड़ा बदलाव किया है। अब सरकार ने तय किया है कि डीएमएफ की राशि में से 70 प्रतिशत पेयजल, पर्यावरण, प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, जैसे काम में खर्च की जाएगी। इसके साथ ही 10 प्रतिशत राशि स्थानी आजीविका के साधन जुटाने के लिए अक्षय निधि में रखी जाएगी। नए नियम में डीएमएफ संबंधी शिकायतों के निराकरण और निगरानी के लिए भी प्रावधान किए गए हैं।
राज्य सरकार ने डीएमएफ नियम 2015 में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जो काफी विस्तृत और कई बिदुओं पर आधारित हैं। इसमें यह बात शामिल है कि गौण खनिजों के अलावा अन्य खनिजों की खानों की सीमा से 15 किलोमीटर अधिक नहीं बढ़ाया जाएगा। खानों से प्रभावित क्षेत्र ग्राम और ग्राम पंचायतें या स्थानीय शहरी निकाय जिनके भीतर खानें (गौण खनिजों के अतिरिक्त मौजूद और प्रचलनरत हैं। ऐसे खनन क्षेत्र पड़ोसी गांव, कस्बे, ब्लाक, या जिले या यहां तक कि राज्य तक भी विस्तृत हो सकते है। एक से अधिक जिलों में प्रभावित क्षेत्र को स्पष्ट किया गया कि यदि एक जिले में, किसी खान का प्रभावित क्षेत्र दूसरे जिले के अधिकार क्षेत्र में भी आता है (यद्यपि वह दूसरे राज्य में हो) तो संस्थान द्वारा खान से एकत्र राशि का प्रतिशत अनुपात में प्रभावित क्षेत्रों का हिस्सा ऐसे क्षेत्र में कार्यकलापों को शुरू करने के लिए अन्य संबंधित जिले के संस्थान में अंतरित किया जाएगा।
70 प्रतिशत राशि इन काम में लगेगी
डीएमएफ नियम में बदलाव का सबसे बड़ा पहलु ये है कि, अब इस मद की राशि का 70 प्रतिशत हिस्सा उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्रों पर खर्च किया जाएगा। इसमें पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण नियंत्रण के उपाय, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, महिला एवं बाल कल्याण, वृद्ध एवं द्वियांगजन कल्याण, कौशल विकास और आजीविका सृजन, स्वच्छता, आवास, कृषि पशुपालन क्षेत्र शामिल किए गए हैं। बाकी 30 प्रतिशत राशि अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में लगेगी। इसमें भौतिक संरचन विकास, सड़क, पुल, रेल और जलमार्ग परियोजनाएं, सिंचाई के लिए चेक डैम, डायवर्जन, उर्जा विकास और वाटरशेड विकास पर खर्च किए जाएंगे।
कौन होगा खनन प्रभावित
नियम में कहा गया है कि, खनन प्रभावित व्यक्तियों में उन लोगों को शामिल करना चाहिए जिनके पास खनन की जा रही भूमि पर वैधानिक और व्यावसायिक अधिकार है, जिनके पास उपभोग और पारंपरिक अधिकार है और जिनकी आजीविका खनन के कारण प्रभावित हुई है। बनेगी पंचवर्षीय योजनाअब डीएमएफ पांच वर्षों के लिए एक रणनीति तैयार करेगा और उसे एक परिप्रेक्ष्य योजना में शामिल किया जाएगा। उपलब्ध मौजूदा शेष राशि और पांच साल की अवधि में डीएमएफ में संभावित संचय के ध्यान में रखते हुए पंचवर्षीय परिप्रेक्ष्य योजना को वर्षवार कार्य योजनाओं में विस्तारित किया जाएगा।