बाल कल्याण समिति ने किया निरीक्षण: आश्रय गृह में शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा व्यवस्थाओं का लिया जायजा
बस्तर जिले की बाल कल्याण समिति ने शासकीय बाल और बालिका गृह का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान सदस्यों ने शिक्षा,स्वास्थ्य और सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
निरिक्षण करते हुए बाल कल्याण समिति के सदस्य
अनिल सामंत- जगदलपुर। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत बस्तर जिले की बाल कल्याण समिति ने औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण में शासकीय बाल गृह (बालक), बालिका गृह, खुला आश्रय गृह (बालक) बस्तर सामाजिक जन विकास समिति और सेवा भारती (मातृ छाया) विशेष दत्तक ग्रहण एजेंसी जगदलपुर शामिल रही।
बाल कल्याण समिति, जिला बस्तर के अध्यक्ष नरेन्द्र पाणिग्राही ने बताया कि, संस्थाओं में साफ-सफाई, पौष्टिक आहार, बच्चों की नियमित पढ़ाई और समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को बच्चों के प्रति अधिक संवेदनशील व्यवहार अपनाने तथा व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए संस्था अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है।
सदस्यों ने किया सूक्ष्म अवलोकन
समिति ने यह भी बताया कि, सभी संस्थाएं किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप संचालित की जा रही हैं। देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों के लिए आवासीय सुविधाओं का निरीक्षण प्रत्येक माह कम से कम दो बार किया जाता है। इस दौरान संस्थाओं में रखी जाने वाली विभिन्न पंजियों का समिति सदस्यों ने सूक्ष्म अवलोकन किया। निरीक्षण के दौरान समिति ने बालक- बालिकाओं और कर्मचारियों से व्यक्तिगत चर्चा कर संस्थागत व्यवस्थाओं की जानकारी ली।
कमियों को संस्थाओं ने किया दूर
पूर्व निरीक्षण में पाई गई कमियों को संस्थाओं ने दूर कर लिया है। समिति ने निरीक्षण के उपरांत संस्थाओं के कार्य को संतोषप्रद पाया और अपेक्षा की गई कि भविष्य में भी यही स्तर बनाए रखा जाए। निरीक्षण के दौरान बाल कल्याण समिति के सदस्य संतोष जोशी,रामकृष्ण ठाकुर, वर्षा श्रीवास्तव,सहित संबंधित संस्थाओं के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।