एसआईआर से परेशान नहीं होंगे छत्तीसगढ़ के वोटर्स: केवल 5-6 प्रतिशत मतदाताओं से ही मांगे जाएंगे दस्तावेज

छत्तीसगढ़ में एसआईआर की प्रक्रिया के दौरान ज्यादातर वोटर्स से पहचान संबंधी दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे। सबसे खास बात यह है कि, प्रदेश की मतदाता सूची में 50 प्रतिशत महिलाएं हैं।

Updated On 2025-10-31 12:31:00 IST

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय छत्तीसगढ़ 

रायपुर। एसआईआर के दौरान छत्तीसगढ़ के ज्यादातर वोटर्स को कोई परेशानी नहीं आने वाली है। क्योंकि, यहां के 71 प्रतिशत के करीब वोटर्स का मिलान हो चुका है। पिछले एसआईआर की मतदाता सूची वर्ष 2003 को आधार मानकर जो मिलान किया गया है, उसमें बीएलओ द्वारा वर्तमान में केवल अपने मतदान केंद्र के मतदाताओं का मिलान किया गया है, जो कि 71 प्रतिशत के करीब है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय, छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने बताया कि, वर्ष 2003 के बाद से आज पर्यंत कई मतदाता अन्यत्र शिफ्ट हुए हैं, मतदान केन्द्रों का परिसीमन भी हुआ है। एन्यूमरेशन फेज में बीएलओ द्वारा मतदाताओं के घर-घर सर्वे के दौरान यह मिलान प्रतिशत 10-15 प्रतिशत और बढ़ जाएगा।

प्रदेश की मतदाता सूची में 50 प्रतिशत महिलाएं
बताया गया कि, छत्तीसगढ़ की मतदाता सूची में लगभग 50 प्रतिशत महिलाएं हैं। वर्ष 2003 के एसआईआर के बाद विवाहित महिलाएं अपने तत्कालीन मतदान केंद्र से अन्यत्र स्थानांतरित हुई हैं। बीएलओ द्वारा घर-घर एन्यूमरेशन फेज में 15 से 20 प्रतिशत और महिला मतदाताओं का मिलान किया जा सकेगा। इस प्रकार मिलान का कुल प्रतिशत 71 प्रतिशत से बढ़कर 94-95 प्रतिशत हो जाएगा। केवल शेष बचे मतदाताओं से ही दस्तावेज लेने की आवश्यकता होगी।

मतदाता हेल्पलाइन नंबर होगा 1950
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा एसआईआर के दौरान विभिन्न नवाचारों के माध्यम से मतदाताओं को सुविधा प्रदान करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। किसी भी प्रकार की असुविधा होने पर मतदाता हेल्पलाइन नंबर 1950 तथा बीएलओ कॉल रिक्वेस्ट के माध्यम से मतदाता सूची से संबंधित सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

एसआईआर से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों का नहीं होगा तबादला
छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य के बीच अब संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला नहीं होगा। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने इस संबंध में सख्त निर्देश जारी करते हुए कहा है कि, एसआईआर कार्य से जुड़े किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का स्थानांतरण भारत निर्वाचन आयोग की अनुमति के बिना नहीं किया जाएगा।

जारी निर्देश के अनुसार यह रोक संभागायुक्त, कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी, निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी, बूथ लेवल अधिकारी पर्यवेक्षक, बूथ लेवल अधिकारी और पुनरीक्षण कार्य में लगे अन्य सभी कर्मचारियों पर लागू होगी।

सभी विभागों को भेजा गया पत्र
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी विभागों को पत्र जारी कर यह सुनिश्चित करने को कहा, विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य के दौरान किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का तबादला न किया जाए, ताकि प्रक्रिया की निरंतरता बनी रहे और कार्य प्रभावित न हो। गौरतलब है कि, 27 अक्टूबर को निर्वाचन आयोग ने राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम की घोषणा की थी। यह प्रक्रिया 28 अक्टूबर से शुरू होकर 7 फरवरी तक चलेगी, जिसके बाद मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन किया जाएगा।

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