माशिमं और डीईओ के अधिकार समाप्त: स्कूलों को मान्यता का फैसला प्राधिकरण करेगा

जिला शिक्षा अधिकारी और माध्यमिक शिक्षा मंडल अब स्कूलों को मान्यता नहीं दे सकेंगे। उनका यह अधिकार जल्द ही समाप्त हो जाएगा।

Updated On 2025-10-23 10:24:00 IST

File Photo 

रायपुर। जिला शिक्षा अधिकारी और माध्यमिक शिक्षा मंडल अब स्कूलों को मान्यता नहीं दे सकेंगे। उनका यह अधिकार जल्द ही समाप्त हो जाएगा। प्रदेश सरकार राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण का गठन करने जा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत ये बदलाव होंगे। प्रदेशभर के निजी स्कूलों को मान्यता अब इस मानक प्राधिकरण द्वारा ही दी जाएगी। फिलहाल पहली से आठवीं कक्षा शाला संचालन के लिए जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा मान्यता प्रदान की जाती है। इसी तरह नवमी से बारहवीं कक्षा तक शाला संचालन के लिए माध्यमिक शिक्षा मंडल की अनुमति अनिवार्य है।

राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण के गठन के बाद पहली से बारहवीं कक्ष तक मान्यता संबंधित सभी अधिकार प्राधिकरण के अधीन हो जाएंगे। मान्यता के लिए आवश्यक शर्तों से लेकर दंड का निर्धारण भी मानक प्राधिकरण ही करेगा। इसके लिए प्रस्ताव स्कूल शिक्षा सचिव को भेजा जा चुका है। अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, इस पर अभी तक एकमत नहीं बन सका है कि इस मानक प्राधिकरण को स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत रखा जाएगा अथवा यह पूर्णतः स्वतंत्र बॉडी रहेगी। राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण के सदस्य सरकारी अधिकारी ना होकर रिटायर जज, शिक्षाविद अथवा इनके समकक्ष योग्यता रखने वाले व्यक्ति होंगे।

शिक्षा विभाग के अधीन नहीं
निजी स्कूल संघ के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि, मानक प्राधिकारण पूर्णतः स्वतंत्र बॉडी हो। इसे स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत ना रखा जाए। इसमें होने वाली नियुक्तियां निष्पक्ष रूप से हो ताकि वे अपने मूल उद्देश्यों से ना भटके।

प्रदेश में बीते माह रखी गई थी कार्यशाला
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत देश के सभी राज्यों में इस प्राधिकरण का गठन होना है। महाराष्ट्र में इसका गठन हो चुका है तथा अन्य राज्यों में भी इस पर कार्य चल रहा है। प्रदेश में बीते माह 29 व 30 सितंबर को राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण के संदर्भ में कार्यशाला रखी गई थी। कार्यशाला में महाराष्ट्र के ढांचे को पेश किया गया। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के हॉल में रखी गई कार्यशाला में कहा गया, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत स्कूल प्रशासन और गुणवत्ता सुधार की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए सभी राज्यों में राज्य स्कूल मानक प्राधिकरण की स्थापना की जानी है।

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