सीबीएसई बोर्ड की एडवाइजरी: सावधान रहे बाजार में बिक रही एनसीईआरटी की नकली किताबें

सीबीएसई ने स्कूलों को एक जरूरी एडवाइजरी जारी की है। कहा कि, बाजार में नकली और घटिया क्वालिटी वाली एनसीईआरटी किताबें धड़ल्ले से बिक रही हैं।

Updated On 2025-11-14 10:57:00 IST

File Photo 

रायपुर। सीबीएसई ने अपने सभी स्कूलों को एक जरूरी एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि बाजार में नकली और घटिया क्वालिटी वाली एनसीईआरटी किताबें धड़ल्ले से बिक रही हैं। ये किताबें सस्ते दामों पर मिल रही हैं, लेकिन इनमें प्रिंटिंग की गलतियां और कंटेंट में त्रुटियां भरी पड़ी हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ सकता है।

बोर्ड ने स्कूलों से कहा है कि, पैरेंट्स और स्टूडेंट्स को सिर्फ असली किताबें ही खरीदने की सलाह दें। साथ ही उन्हें यह भी बताया जाए कि असली और नकली किताबों में किस तरह से अंतर किया जा सकता है। सीबीएसई ने साफ निर्देश दिया है कि अगर स्कूल खुद किताबें खरीदकर बच्चों को वितरित करते हैं तो वो भी सिर्फ बोर्ड या एनसीईआरटी द्वारा अधिकृत जगहों से ही लें। कोई लोकल दुकान या अनजान विक्रेता से किताबें न लें। नकली किताबें बच्चों को गलत जानकारी दे सकती हैं और एग्जाम में नुकसान पहुंचा सकती हैं। कई जगहों से नकली किताब के संदर्भ में शिकायत आने के बाद सीबीएसई ने यह एडवाइजरी जारी की है।

प्रमाणित जगहों से मिलेंगी असली किताबें
सीबीएसई ने अपनी अधिसूचना में कहा है कि असली किताबें सिर्फ प्रमाणित जगहों से मिलेंगी। इनमें एनसीईआरटी के रीजनल प्रोडक्शन एंड डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स शामिल हैं। इसके अलावा एनसीईआरटी की ऑफिशियल वेबसाइटपर लिस्टेड अधिकृत विक्रेताओं से भी किताबें प्रमाणित और असली मिलेंगे। पालक एनसीईआरटी पोर्टल की पोस्टल सप्लाई सर्विस से घर बैठे किताब मंगवा सकते हैं। एनसीईआरटी के ऑफिशियल ऑनलाइन स्टोरफ्रंट से भी इसे ऑर्डर कर सकते हैं। इन जगहों से किताबें 100% असली और सही होंगी।

बच्चों को देनी होगी जानकारी
बोर्ड ने स्कूलों से गुजारिश की है कि ये जानकारी टीचर्स, पैरेंट्स और स्टूडेंट्स तक जरूर पहुंचाएं। सिर्फ असली किताबें इस्तेमाल करने से पढ़ाई की क्वालिटी बनी रहेगी और अकादमिक ईमानदारी भी कायम रहेगी। नकली किताबों से बचें और बच्चों का भविष्य दांव पर न लगाएं। गौरतलब है कि ना केवल स्कूली छात्र, बल्कि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी भी अपने सामान्य ज्ञान का अधार मजबूत करने के लिए एनसीईआरटी किताबों का अध्ययन करते हैं। इस कारण भी शैक्षणिक सत्र के प्रारंभिक महीनों के अतिरिक्त पूरे वर्ष इनकी मांग बनी रहती है।

प्रश्नपत्र छापने निजी स्कूलों से मांगी छात्रों की संख्या
रायपुर। शैक्षणिक सत्र 2025-26 में भी पांचवी-आठवीं के छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी। शासकीय विद्यालयों के साथ प्राइवेट स्कूलों के छात्र भी इसमें शामिल होंगे। इसके लिए तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। सभी जिला शिक्षा कार्यालयों द्वारा निजी स्कूलों को खत प्रेषित कर उनके यहां अध्ययनरत पांचवी-आठवीं के छात्रों की संख्या मांगी गई है, ताकि इसके आधार पर छात्रों को रोल नंबर आवंटित किए जा सकें और प्रश्नपत्रों की छपाई हो सके। दूसरी ओर निजी स्कूलों ने संख्या देने से इनकार कर दिया है।

जवाब-किताबें ही नहीं तो कौन सी परीक्षा ?
पिछले साल की तरह इस वर्ष भी वे न्यायालय चले गए हैं। निजी स्कूलों का कहना है कि, पाठ्यपुस्तक निगम की कई किताबें अब तक उन्हें नहीं मिली हैं। जो किताबें मिली हैं, वे भी सत्र प्रारंभ होने के 2-3 महीने बाद ही इसके लिए कई बार पाठ्य पुस्तक निगम से संपर्क भी किया गया। बार कोड स्कैनिंग सहित अन्य प्रक्रियाओं में लंबा वक्त लगने के कारण छात्रों को एनसीईआरटी तथा निजी प्रकाशकों की किताबों से पढ़ाई करवाई गई। ऐसी स्थिति में परीक्षा में शामिल होने पर छात्रों के परिणाम पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

पिछले वर्ष भी हुआ था विवाद
शैक्षणिक सत्र 2024-25 से ही प्रदेश में 5वीं-8वीं बोर्ड परीक्षा की शुरुआत कर दी गई है। पिछले वर्ष भी निजी स्कूलों ने शासन द्वारा आयोजित केंद्रीकृत परीक्षा में शामिल होने से इनकार कर दिया था। बीते सत्र में दिसंबर माह में परीक्षा के संदर्भ में अधिसूचना जारी की गई थी। निजी स्कूलों ने इसे आधार बनाते हुए कोर्ट में याचिका दायर करते हुए तर्क दिया था कि उन्हें सत्र के प्रारंभ से इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। केंद्रीकृत परीक्षाओं में सवाल पाठ्यपुस्क निगम द्वारा प्रकाशित किताबों से पूछे जाएंगे, जबकि कई निजी स्कूलों ने एनसीईआरटी किताबों से भी पढ़ाई कराई है। इसके चलते छात्रों का नुकसान हो जाएगा। इस आधार पर निजी स्कूलों को पिछले सत्र में परीक्षा में शामिल होने से राहत दे दी गई थी। पिछले वर्ष के मामले को देखते हुए सत्र आरंभ में आदेश जारी कर स्पष्ट कर दिया गया था कि 2025-26 में भी 5वीं-8वीं की बोर्ड परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी और निजी स्कूलों के लिए इसमें शामिल होना अनिवार्य होगा।

Tags:    

Similar News