भारतमाला मुआवाजा घोटाला: EOW-ACB ने तीन पटवारियों को किया गिरफ्तार

भारतमाला प्रोजेक्ट में 43 करोड़ रुपए से ज्यादा मुआवजा घोटाला में ईओडब्लू, एसीबी ने तीन पटवारियों को गिरफ्तार किया है।

Updated On 2025-10-30 11:41:00 IST

EOW-ACB ने तीन पटवारियों को किया गिरफ्तार

रायपुर। भारतमाला प्रोजेक्ट में 43 करोड़ रुपए से ज्यादा मुआवजा घोटाला में ईओडब्लू, एसीबी ने तीन पटवारियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार पटवारियों को बुधवार को ईओडब्लू की विशेष अदालत में पेश किया गया। ईओडब्लू के आवेदन पर कोर्ट ने तीनों पटवारियों से पूछताछ कोर्ट ने तीनों पटवारियों से पूछताछ करने चार नवंबर तक पुलिस रिमांड स्वीकृत की है।

ईओडब्लू ने नायकबांधा के तत्कालीन पटवारी दिनेश पटेल, टोकरो में पटवारी रहे लेखराम देवांगन तथा भेलवाडीह के तत्कालीन पटवारी बसंती धृतलहरे को गिरफ्तार किया है। तीनों पटवारी पर आरोप है कि इन लोगों ने वर्ष 2020 से 2024 के बीच रायपुर-विशाखापट्टनम प्रस्तावित इकानामिक कारिडोर (भारतमाला परियोजना) के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान भू-माफिया के साथ मिलकर शासन को भारी आर्थिक हानि पहुंचाने का काम किया है। भारतमाला परियोजना मुआवाजा घोटाला में ईओडब्लू, एसीबी पूर्व में जमीन दलाल, लोक सेवक सहित 10 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

इस तरह की गई धोखाधड़ी
घोटाला करने पटवारियों ने भू-माफिया और कुछ निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर भूमि का बैक डेट में बंटवारा और नामांतरण कर कूटरचित दस्तावेज तैयार किए। इसके बाद जमीन का नए सिरे से बंटवारा, नामांतरण कर शासन द्वारा अधिग्रहित भूमि को पुनः शासन को विक्रय कर मुआवजा प्राप्त कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने का काम किया। कई मामलों में भूमि स्वामी के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को मुआवजा दिलाने और निजी भूमि को गलत तरीके से अधिग्रहित दिखाकर टुकड़ों में बांटकर भुगतान लेने के ईओडब्लू, एसीबी को प्रमाण मिले हैं।

आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने हाईकोर्ट में लगाई थी अर्जी
भारतमाला परियोजना मुआवजा घोटाला में तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू सहित आधा दर्जन से ज्यादा लोगों ने ईओडब्लू की कार्रवाई के खिलाफ तथा गिरफ्तारी से बचने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। बचाव तथा अभियोजन पक्ष का तर्क सुनने के बाद कोर्ट ने 28 अक्टूबर को सुनवाई करते हुए कहा कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और मामला गंभीर आर्थिक अनियमितताओं से जुड़ा है। ऐसे में आरोपियों को अग्रिम जमानत देने से जांच प्रभावित हो सकती है। इसलिए सभी याचिकाएं निरस्त की जाती हैं।

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