बस्तर पहुंचे फुटबालर बाइचुंग भूटिया: बोले- यहां की मिट्टी में छुपा है अंतरराष्ट्रीय खेल भविष्य
हरिभूमि से विशेष बातचीत में बोले बाइचुंग भूटिया, बस्तर ओलंपिक ने खोले सपनों के नए द्वार।
बसतर ओलंपिक में शामिल होने पहुंचे बाइचुंग भूटिया
अनिल सामंत- जगदलपुर। बस्तर ओलंपिक सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि भविष्य के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की प्रयोगशाला है। हरिभूमि से विशेष चर्चा में यह कहना था अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी एवं पद्मश्री बाइचुंग भूटिया का।
उन्होंने कहा कि, बस्तर ओलंपिक ने जवानों और युवाओं को जिस तरह आकर्षित किया है, उससे साफ दिखता है कि इस आदिवासी अंचल में अपार खेल प्रतिभा छुपी हुई है। नॉर्थ ईस्ट की तरह ही बस्तर भी ट्राइबल क्षेत्र है, जहां से बड़ी संख्या में खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंच सकते हैं। संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक के भव्य समापन समारोह में बाइचुंग भूटिया की मौजूदगी ने आयोजन को ऐतिहासिक बना दिया। जगदलपुर पहुंचे सिक्किमी स्नाइपर ने खिलाड़ियों से सीधे संवाद कर उनका उत्साह बढ़ाया और कहा कि बस्तर ओलंपिक के बाद खिलाड़ियों को बड़े प्लेटफॉर्म पर खुद को साबित करने के अवसर मिलेंगे।
भूटिया के शब्दों ने जगाया आत्मविश्वास
इंग्लैंड के बरी फुटबॉल क्लब के लिए खेलने वाले पहले भारतीय फुटबॉलर और भारतीय टीम के पूर्व कप्तान के प्रेरक शब्दों से बस्तर के युवा खिलाड़ियों की आंखों में नया आत्मविश्वास साफ झलका। पद्मश्री सम्मानित भूटिया की यह यात्रा बस्तर के खेल इतिहास में लंबे समय तक याद की जाएगी।
बस्तर के लिए हर समय उपलब्ध
बाइचुंग भूटिया ने बताया कि, उन्होंने उप मुख्यमंत्री और खेल मंत्री से स्पष्ट कहा है कि बस्तर को खेल विकास के लिए जो भी सहयोग चाहिए, वे हमेशा उपलब्ध रहेंगे।आने वाले समय में यदि सरकार चाहे तो बस्तर क्षेत्र में विशेष वर्कशॉप, प्रशिक्षण शिविर और मार्गदर्शन कार्यक्रम भी आयोजित किए जा सकते हैं, ताकि स्थानीय प्रतिभाओं को सही दिशा और राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण मिल सके।