ऐतिहासिक बरगद पेड़ों की कटाई पर बवाल: बस्तर की सड़कों पर इंद्रावती बचाओ अभियान, IG-SP को सौंपा ज्ञापन

बस्तर के लालबाग मार्ग स्थित सदियों पुराने बरगद के पेड़ों की कटाई के खिलाफ इंद्रावती बचाओ अभियान सामने आया, IG ने ज्ञापन मिलने पर तत्काल कटाई रुकवाने का आश्वासन दिया।

By :  Ck Shukla
Updated On 2025-11-15 12:31:00 IST

ऐतिहासिक बरगद की कटाई रोकने की मुहिम

अनिल सामंत - जगदलपुर। बस्तर के लालबाग मार्ग पर सैकड़ों वर्षों पुराने और सांस्कृतिक-धार्मिक महत्व से जुड़े बरगद के पेड़ों की कटाई का मामला गरमाता जा रहा है। मंगलवार को इंद्रावती बचाओ अभियान के सदस्यों ने पुलिस महानिरीक्षक (IG) और पुलिस अधीक्षक (SP) को ज्ञापन सौंपकर कटाई पर तत्काल रोक लगाने की मांग की। मामले की गंभीरता समझते हुए आईजी ने तुरंत पेड़ों की कटाई रुकवाने का भरोसा दिलाया।

'ये सिर्फ पेड़ नहीं, बस्तर की जीवित धरोहर हैं'- अभियान सदस्य
अभियान के सदस्यों ने कहा कि, लालबाग के ये बरगद वृक्ष केवल हरियाली का हिस्सा नहीं, बल्कि बस्तर की प्राकृतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान हैं। और तो दशहरा की पारंपरिक रस्मों का अभिन्न केंद्र, वट–सावित्री पूजा का प्रमुख स्थल, व स्थानीय संस्कृति और विरासत के प्रतीक है ये पेड़, इनकी कटाई पर्यावरणीय क्षति के साथ-साथ बस्तर की ऐतिहासिक पहचान पर सीधा प्रहार माना जा रहा है।

ज्ञापन सौंपते समय उपस्थित सदस्य
किशोर पारेख, अप्रतिम झा, हरि वेणु, डॉ. सतीश जैन, प्रमोद मोतीवाला, लक्ष्मी कश्यप, सुनीता उमरवैश्य, ललित जोशी, उमा महतो सहित कई सदस्य इस दौरान ज्ञापन सौंपते समय मौजूद रहे।


इंद्रावती बचाओ अभियान की प्रमुख मांगें
मांगपत्र में अभियान ने डीएसपी और एसपी के नाम अलग मांगपत्र सौंपा गया जिसमें कई महत्वपूर्ण बिंदु उठाए जैसे:

  • बरगद के ऐतिहासिक पेड़ों की कटाई पर तत्काल रोक
  • स्थल को हेरिटेज ज़ोन घोषित कर संरक्षित किया जाए
  • पेड़ों पर वैज्ञानिक निगरानी और सुरक्षा चिन्ह लगाए जाएँ
  • ऐतिहासिक महत्व का बोर्ड स्थापित हो
  • भविष्य में ऐसी घटनाओं पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो

स्थानीय नागरिक भी समर्थन में आए
स्थानीय लोगों ने अभियान की पहल का समर्थन करते हुए उम्मीद जताई है कि प्रशासन जल्द कड़ी कार्रवाई करेगा ताकि बस्तर की अमूल्य हरियाली सुरक्षित रह सके।

बरगद- बस्तर की संस्कृति का आधार
ये प्राचीन वृक्ष दशहरा की परंपराओं का हिस्सा, वटसावित्री पूजा का केंद्र, और बस्तर की पारिस्थितिकी का महत्वूपर्ण आधार है। स्थानीय लोगों का मानना हैं कि, इनकी कटाई से बस्तर की विरासत और पर्यावरण दोनों को अपूरणीय क्षति पहुँच सकती है, वर्षों से इन्हें ‘जीवित धरोहर’ के रूप में संरक्षित करते आए हैं।

अभियान की चेतावनी
इंद्रावती बचाओ अभियान ने कहा कि 'हरियाली की रक्षा प्रशासन की सर्वोच्च ज़िम्मेदारी है। यदि कटाई नहीं रुकी तो बड़ा जन-आंदोलन शुरू किया जाएगा।' साथ ही अभियान ने उम्मीद जताई कि प्रशासन तेजी से कार्रवाई कर सकारात्मक संदेश देगा।

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