CRMC भुगतान पर स्वास्थ्यकर्मियों का बड़ा फैसला: 15 दिसंबर से पूर्ण OPD बंद करने की चेतावनी, 12 महीने से अटकी प्रोत्साहन राशि
बस्तर में CRMC भुगतान को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों ने आंदोलन तेज कर 15 दिसंबर से सभी सरकारी अस्पतालों में पूर्ण OPD बंद करने का नोटिस कलेक्टर, SP और CMHO को सौंप दिया।
स्वास्थ्यकर्मियों ने पूर्ण OPD बंद करने का नोटिस सौंपा
नारायणपुर। CRMC (नक्सल क्षेत्र प्रोत्साहन राशि) के 12 महीनों से लंबित भुगतान को लेकर बस्तर संभाग के सभी जिलों- नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, कांकेर, कोंडागांव और बस्तर (जगदलपुर) के डॉक्टर, स्टाफ नर्स, RMA, ANM सहित तमाम स्वास्थ्यकर्मियों ने आंदोलन तेज कर दिया है। शुक्रवार, 12 दिसंबर को स्वास्थ्य कर्मियों के प्रतिनिधिमंडल ने CMHO, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए 15 दिसंबर से पूर्ण OPD सेवाएँ बंद करने की आधिकारिक सूचना दी।
12 महीने से भुगतान लंबित- मनोबल गिरा, आश्वासन बेअसर
स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि लगातार एक वर्ष से CRMC भुगतान न मिलने के कारण उनका मनोबल काफी प्रभावित हुआ है। कई दौर की बैठकों और मिले आश्वासनों के बावजूद शासन स्तर से अब तक कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं हुआ है। वर्तमान में सभी जिलों में संध्या OPD का बहिष्कार किया जा रहा है, और 15 दिसंबर से सुबह व शाम दोनों समय की OPD सेवाएँ पूरी तरह बंद रखने की घोषणा की गई है।
जिला, CHC, PHC से लेकर उप-स्वास्थ्य केंद्र तक- सभी में OPD बंद
स्वास्थ्यकर्मियों ने साफ कहा कि बस्तर संभाग के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में बहिष्कार प्रभावी रहेगा, जिसमें शामिल हैं-
- जिला अस्पताल
- सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (CHC)
- प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र (PHC)
- उप-स्वास्थ्य केन्द्र (HSC)
इन सभी में 15 दिसंबर से नियमित OPD सेवाएँ स्थगित कर दी जाएँगी।
आपातकालीन सेवाएँ पूर्ववत चलेंगी
स्वास्थ्यकर्मियों ने स्पष्ट किया है कि आपातकालीन सेवाएँ, प्रसूति सेवाएँ और जीवनरक्षक उपचार पूर्व की तरह बिना किसी बाधा के जारी रहेंगे। हालांकि, उनका कहना है कि OPD सेवाएँ बंद करके सरकार को स्थिति की गंभीरता से अवगत कराना आवश्यक हो गया है, ताकि लंबित मुद्दों के समाधान के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
'केंद्र से राशि मिल चुकी, फिर भी आदेश लंबित'
डॉक्टरों का आरोप है कि राज्य सरकार को केंद्र से CRMC की राशि प्राप्त हो जाने के बावजूद अब तक इसका आदेश जारी नहीं किया गया है, जो बस्तर जैसे अति-संवेदनशील और नक्सल प्रभावित क्षेत्र में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति गंभीर अन्याय है।
12-13 दिसंबर तक की अंतिम मोहलत
स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि वे 12 और 13 दिसंबर तक शासन की कार्रवाई की प्रतीक्षा करेंगे। यदि इन दो दिनों में भुगतान जारी नहीं होता, तो 15 दिसंबर से बस्तर संभाग में पूर्ण चिकित्सा सेवाएँ ठप कर दी जाएँगी।