'चेंदरू' के नाम पर पुरस्कार: ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने वाले व्यक्ति या संस्था को नामित करेगा मंडल

छत्तीसगढ़ खासकर बस्तर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाला बालक चेंदरू एक बार फिर चर्चा में आने वाला है।

Updated On 2025-12-12 12:59:00 IST

बस्तर का बालक चेंदरू (फाइल फोटो)

रायपुर। छत्तीसगढ़ खासकर बस्तर को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाला बालक चेंदरू एक बार फिर चर्चा में आने वाला है। चेंदुरू द वर्ल्ड ऑफ अपू नामक एक वृत्तचित्र (डाक्यूमेटरी फिल्म) का जीवंत किरदार था। इस डाक्यूमेंटरी को 1957 में अर्न आर्नहैम ने बनाया था। इसी चेन्दरू के नाम पर छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल राज्य ग्रामीण पर्यटन पुरस्कार देने वाला है।

राज्य में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने, पर्यटन हितधारकों के उत्कृष्ट योगदान को पहचानने, उनको प्रोत्साहित करने, उनके प्रयासों को मान्यता देने तथा इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले किसी व्यक्ति विशेष या संस्था को चेन्दरू राज्य ग्रामीण पर्यटन पुरस्कार प्रदाय करने का निर्णय लिया गया है।


ये होंगे सम्मान के हकदार
सम्मान के लिए निर्णायक मंडल (जूरी) द्वारा ऐसे व्यक्ति का चयन किया जाएगा, जिन्होंने समर्पित भाव से ग्रामीण पर्यटन क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा की हो। निर्णायक मण्डल द्वारा भूतकालिक एवं वर्तमान दोनों प्रकार के कार्यों का मूल्यांकन किया जायेगा। व्यक्ति अथवा प्रस्तावक द्वारा यह प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करना होगा कि सम्मान के लिए प्रस्तावित व्यक्ति ने ग्रामीण पर्यटन क्षेत्र में दीर्घकालीन सेवा की है। सम्मान ग्रामीण पर्यटन के समग्र योगदान के आधार पर दिया जाना है, इसलिए इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्ति, संस्था द्वारा निजी स्तर पर किये गये योगदान के संबंध में पर्याप्त प्रमाण होना आवश्यक है।

अब पर्यटन मंडल ने ली चेन्दरू की सुध
चेन्दरू का छत्तीसगढ़ के बस्तर से गहरा नाता था। वह मूल रुप से बस्तर का रहने वाला था। अब से करीब 70 साल पहले बनी डाक्यूमेंट्री फिल्म का मुख्य विषय था। उसका नाम द वर्ल्ड ऑफ अपू (या कभी-कभी द जंगल सागा के रूप में भी जाना जाता है)। इस फिल्म में उनके और एक बाघ के शावक के बीच की अनोखी दोस्ती को दर्शाया गया था, जिसे चेन्दरू ने पाला था। इस फिल्म के माध्यम से चेंदुरू और उनके बस्तर के जीवन को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली थी। 

Tags:    

Similar News