इंजेक्शन लगाते ही बिगड़ी बालक की तबियत: घाव का इलाज कराने गया था मेडिकल, संचालक पर लगे लापरवाही के आरोप

बलरामपुर में घुटने के घाव का इलाज कराने गए 10 वर्षीय छात्र की मेडिकल संचालक की लापवाही से मौत। इंजेक्शन लगते ही हालत बिगड़ गई।

Updated On 2025-09-25 11:38:00 IST

मेडिकल संचालक की लापरवाही से गई बच्चे की जान 

कृष्ण कुमार यादव- बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। जहां महज घुटने के घाव का इलाज कराने गए 10 वर्षीय बालक की जान लापरवाह मेडिकल संचालक की वहज से चली गई। परिजन अपने मासूम को साधारण उपचार के लिए मेडिकल लेकर पहुंचे थे। लेकिन वहां लगाए गए इंजेक्शन के बाद उसकी तबियत अचानक बिगड़ गई।

मिली जानकारी के अनुसार, बलरामपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले कक्षा छठवीं के छात्र के घुटने में चोट लगने के बाद परिजन उसे नजदीकी मेडिकल में उपचार के लिए ले गए थे। इलाज के दौरान मेडिकल संचालक ने बच्चे को एक इंजेक्शन लगाया, जिसके कुछ देर बाद ही उसकी तबियत गंभीर रूप से बिगड़ गई। घबराए परिजनों ने आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां से स्थित नाजुक देखते हुए डॉक्टरों ने उसे मेडिकल ने उसे मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर रेफर कर दिया।


आरोपी झोलाछाप डॉक्टर को पुलिस ने किया गिरफ्तार
वहीं धमतरी जिले में हरिभूमि डॉट कॉम की खबर का बड़ा असर हुआ था। लगातार खबर प्रकाशित करने के बाद कुरूद पुलिस ने मामले में एक्शन लिया था। वहीं अब कथित झोलाछाप डॉक्टर अशोक शर्मा गिरफ्तार कर लिया गया था। धमतरी पुलिस ने आरोपी डॉक्टर को दबोचा है। 10 अगस्त को सर्दी बुखार का इलाज कराने आए 12 वर्षीय मासूम नीरज साहू को ग़लत इंजेक्शन लगाया था। जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई थी। मौत के बाद आरोपी डॉक्टर फरार चल रहा था।

जांच टीम की गई थी गठित
ईएमए के जिलाध्यक्ष प्रदीप साहू ने कहा था कि, आरोपी मेडिकल संचालक पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। हम सरकार से प्रदेश में झोलाछाप डॉक्टरों पर लगाम कसने और उनके खिलाफ कड़े कानून बनाने की मांग करते हैं। इस घटना के बाद धमतरी स्वास्थ्य विभाग ने जांच टीम का गठन किया है। कई डॉक्टरों के पैनल के साथ एक जांच टीम बनाई गई है जो इस घटना की जांच कर रही है। आरोपी डॉक्टर और उसके क्लीनिक को सील करने की प्रक्रिया की जा रही है।

क्या है पूरा मामला
दरअसल, बीते 11 अगस्त को कुरूद विकासखण्ड के समीपस्थ ग्राम डांडेसरा निवासी 12 वर्षीय मासूम नीरज साहू पिता रेवाराम साहू को बुखार, सर्दी और खांसी की शिकायत थी।जिसे लेकर पिता रेवाराम साहू इलाज के लिए कुरूद के अशोक मेडिकल स्टोर्स पहुंचे थे। परिजनों का आरोप है कि मेडिकल संचालक अशोक शर्मा, जो कथित झोलाछाप डॉक्टर है, ने बिना गहराई से जांचे नीरज को एक इंजेक्शन लगा दिया। इंजेक्शन लगते ही मासूम के मुंह से झाग निकलने लगा और वह अचेत होकर जमीन पर गिर पड़ा। जिसे देख वह घबरा गया।उन्होंने मामला बिगड़ते देख बच्चे को स्वयं तुरंत उसे कुरूद सिविल अस्पताल लाया।जहाँ परीक्षण पश्चात डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

अभी तक नहीं पहुंची जांच रिपोर्ट
इस दर्दनाक घटना के बाद से परिजन गुस्से में हैं और आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग कर रहे है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि, 16 दिन बीत जाने के बाद भी जांच कर रहे डॉक्टरो की टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट पुलिस को नहीं सौंपी है। इधर पुलिस ने 21 अगस्त को आरोपी अशोक शर्मा के खिलाफ मामूली धारा के तहत अपराध पंजीबद्ध कर तो लिया, किंतु सप्ताह भर बीत जाने के बाद भी पुलिस कुंभकरण की नींद सोई हुई है।

आरोपी को मिल रहा संरक्षण
परिजनों का आरोप है कि, स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ़ जाँच के नाम पर अभी तक गुमराह कर आरोपी को बचाने की कोशिश कर रहे है। तो वहीँ मृतक की मासूम बहन ने भावुक होकर अपने भाई के गुनहगार को कड़ी से कड़ी सजा दिलाने की माँग की हैं। चर्चा यह भी है कि, सम्बंधित फर्जी डॉक्टर के द्वारा मृतक के परिजनों, डॉक्टरों की जांच टीमों और पुलिस पर कार्यवाही नहीं करने दबाव बनाया जा रहा है।

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