भालुओं का आतंक : 3 बुजुर्गों को किया घायल, गांवों में फैली दहशत, आक्रोशित हैं ग्रामीण
मगुरदा गांव में बुजुर्ग सूरज सिंह शौच के लिए खेत जा रहे थे, तभी चार भालुओं ने हमला कर बुजुर्ग को घायल कर दिया। फिलहाल बुजुर्ग का इलाज अस्पताल में जारी है।
आकाश पवार-मरवाही। छत्तीसगढ़ के मरवाही वन परिक्षेत्र में भालू का आतंक जारी है। बीते एक सप्ताह में भालू के काटने के तीन अलग-अलग मामले निकलकर सामने आए हैं। भालू के हमले से स्थानीय ग्रामीण दहशत में है। हमले में घायल व्यक्तियों का अस्पताल में इलाज जारी है। फिलहाल वन विभाग द्वारा इस पूरे मामले में कोई प्रतिक्रिया निकलकर सामने नहीं आई है।
दरसअल, मरवाही वनपरिक्षेत्र में इन दिनों भालू का आतंक जारी है। जहां तीन अलग-अलग गांवों में तीन व्यक्तियों को भालू ने काटा है। पहला मामला दानीकुंडी का है, जहां बुजुर्ग नान सिंह जब अपने घर के पास मौजूद था तभी भालू ने हमला कर दिया। हमले में बुजुर्ग घायल हो गया है। वहीं दूसरे मामले में मगुरदा गांव में बुजुर्ग सूरज सिंह शौच के लिए खेत जा रहे थे। तभी चार भालुओं ने हमला कर बुजुर्ग को घायल कर दिया। तीसरे मामले में उसाड गांव में बुजुर्ग को ही भालू ने निशाना बनाया और हमला कर घायल कर दिया है। घायलों को इलाज हेतु मारवाही अस्पताल में भर्ती कराया गया है, वहीं वन विभाग की ओर से घायलों को किसी प्रकार की मदद नहीं दी गई है। जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी है।
धरने पर बैठे मजदूर
मरवाही वन मंडल में मजदूरी भुगतान को लेकर मजदूरों ने मोर्चा खोल दिया है। सैकड़ों की संख्या में मजदूर वन विभाग कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए हैं और वन विभाग के खिलाफ नारे बाजी कर रहे हैं। दरअसल, चिचगोहना नर्सरी, पौधारोपण सहित मरवाही वन विभाग के कार्यों का कई वर्षों से मजदूरी भुगतान नहीं हुआ है। जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी नाराजगी है, नाराज ग्रामीण आज सुबह मरवाही वन मंडल कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए हैं। महिलाओं का कहना है कि, साल भर पहले वन विभाग के द्वारा उनसे नर्सरी में काम कराया गया था। लेकिन 1 साल गुजर जाने के बाद उन्हें मजदूरी भुगतान नहीं किया गया है।
एक सप्ताह के अंदर देंगे मजदूरी- वन विभाग
मजदूरी को लेकर मजदूर वन विभाग कार्यालय का चक्कर लगाने को मजबूर हैं। मजदूरों का कहना है कि, बार-बार जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी अब तक भुगतान नहीं किया गया है। वहीं वन विभाग के अधिकारियों के द्वारा एक सप्ताह के अंदर मजदूरी भुगतान करने की बात कही गई है। धरने पर बैठी महिलाओं को कहना है कि, बिना पेमेंट लिए वो आज वन विभाग कार्यालय के पास से वापस नहीं जायेंगी और मजदूरी भुगतान नहीं किए जाने कर आगे भी आंदोलन जारी रखने की बात कही है। अब देखने वाली बात है कि, कब तक इन मजदूरों को मजदूरी भुगतान किया जाता है।