रामलला की प्राण प्रतिष्ठा: 10 हजार दीपों से जगमगाएगा राम वन गमन पथ, वन विभाग और जिला प्रशासन की संयुक्त पहल 

राम वन गमन पथ तुरतुरिया में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर 10 हजार दीप प्रज्ज्वलित किये जाएंगे। वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है।

By :  Ck Shukla
Updated On 2024-01-20 20:38:00 IST
राम वन गमन पथ

देवेश साहू-बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह को भव्य बनाने के उद्देश्य से श्री राम वन गमन परिपथ में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसके तहत राम वन पथ गमन में 10 हजार दीप जलाये जाएंगे।

 

पौराणिक मान्यता के अनुसार, लव कुश की एतिहासिक जन्मस्थली तुरतुरिया मे वन विभाग द्वारा विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत 22 जनवरी को शाम 5 बजे के बाद सूरज ढलते ही 10 हजार दीपकों को जलाया जाएगा। वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा इसकी तैयारी पूरी कर ली गई है। कार्यक्रम में सबकी के लिए आस-पास के ग्रामीणों को भी इस कार्यक्रम में जोड़ा जा रहा है।

पर्यटन की तर्ज पर किया गया विकसित 
तुरतुरिया को एक व्यवस्थित पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने लिए जिला प्रशासन के सहयोग से वन विभाग द्वारा अनेक विकास के कार्य कराएं गए हैं। जिससे तुरतुरिया की भव्यता में ना केवल चार चांद लग गया है, बल्कि पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है। तुरतुरिया आने वाले पर्यटकों को पहले के मुताबिक अधिक सुविधा उपलब्ध हो रही है। तुरतुरिया में अभी भव्य प्रवेश द्वार, आईटीसी भवन पैगोड़ा युक्त गार्डन, दुकानें, व्यवस्थित पार्किंग स्थल, सहित अन्य निर्माण कार्य कराएं गए हैं। 

निर्माण कार्य हुआ पूरा 
इन निर्माण कार्यों में विशेष प्रकार के कार्बन युक्त लोहे का रॉड का उपयोग किया गया है। इस लोहे की खास बात यह है कि इनकी आयु अधिक एवं जंग प्रतिरोध होता है। साथ इसकी सुंदरता बढ़ाने के लिए जय श्री राम से उकेरे हुए कट आउट आयरन शिल्ट का भी उपयोग किया गया है। पूरे निर्माण कार्य के दाैरान बिजली सहित अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ा फिर भी आज समय सीमा में लगभग सभी निर्माण कार्य पूर्ण हो गए है। 

गांव के लोग भी व्यवस्था में जुटे 
पार्किंग के संचालन और व्यवस्थित साफ-सफाई हेतु आसपास गांवों की सक्रिय महिला समितियां को वन विभाग और जिला प्रशासन द्वारा तैयार किया जा रहा है। ताकि उनको उनको अतरिक्त आमदनी मिल सके और बेतरकीब वाहनों की अव्यवस्थाओं से मुक्ति मिले। छुट्टी के दिनों में लगभग छोटे बड़े मिलाकर 500 से अधिक वाहन तुरतुरिया आ जाते है।

Tags:    

Similar News