बिहार चुनाव 2025: 34 साल में सबसे कम मुस्लिम विधायक - आंकड़ों के साथ समझिए बिहार विधानसभा में ऐतिहासिक गिरावट

बिहार चुनाव 2025 में मुस्लिम विधायकों की संख्या घटकर ऐतिहासिक रूप से 11 पर आ गई है, जो 34 वर्षों में सबसे कम है।

Updated On 2025-11-15 17:28:00 IST

इस बार 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में मुस्लिम विधायकों की संख्या सिर्फ 11 रह गई है।

बिहार डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों में सत्ताधारी गठबंधन (NDA) की प्रचंड जीत के बीच एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक संकेत उभरा है। इस बार 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में मुस्लिम विधायकों की संख्या सिर्फ 11 रह गई है।

मुस्लिम प्रतिनिधित्व का ग्राफ और आंकड़े

​1977 के बाद बिहार में मुस्लिम विधायकों की संख्या कभी भी 20 से नीचे नहीं गई थी, खासकर 1990 में मंडल राजनीति के उदय के बाद। लालू यादव और नीतीश कुमार के शासनकाल में यह संख्या लगातार 20-25 के बीच बनी रही थी, लेकिन 2025 के चुनाव में यह ऐतिहासिक रूप से गिरकर 10-11 पर आ गई है।

​साल के अनुसार मुस्लिम विधायकों की संख्या

​1977 के चुनाव में: 12 मुस्लिम विधायक चुने गए थे।

​1990 के चुनाव में: यह संख्या बढ़कर 25 हो गई।

1995 के चुनाव में : 29 मुस्लिम विधायक

2000 के चुनाव में : 27 मुस्लिम विधायक

2005 के चुनाव में : 20 मुस्लिम विधायक

2010 के चुनाव में : 19 मुस्लिम विधायक

​2015 के चुनाव में: महागठबंधन की लहर के दौरान मुस्लिम विधायकों की अधिकतम संख्या 24 तक पहुंची।

​2020 के चुनाव में: मामूली गिरावट के बाद यह संख्या 19 रही, जो 1990 के बाद सबसे कम थी।

​2025 के चुनाव में: यह आंकड़ा ऐतिहासिक न्यूनतम, 10-11 पर सिमट गया, जिसने 34 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया। यह गिरावट तब आई है जब राज्य की कुल आबादी में मुस्लिम समुदाय की हिस्सेदारी लगभग 17.7% है।

प्रमुख दलों द्वारा कम टिकट देना और वोट का बिखराव

मुस्लिम प्रतिनिधित्व में इस बड़ी गिरावट के पीछे मुख्यधारा के राजनीतिक दलों द्वारा कम संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देना एक प्रमुख कारण है। इस बार न तो सत्ताधारी एनडीए और न ही मुख्य विपक्षी महागठबंधन ने 2020 की तुलना में अधिक मुस्लिम उम्मीदवार उतारे। विभिन्न स्रोतों के अनुसार, सभी प्रमुख पार्टियों ने कुल मिलाकर लगभग 79 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था।

इसके अलावा, सीमांचल जैसे मुस्लिम-बहुल क्षेत्रों में AIMIM जैसी पार्टियों की उपस्थिति से महागठबंधन के पारंपरिक मुस्लिम वोट बैंक का बिखराव भी हुआ, जिससे कई सीटों पर हार-जीत के समीकरण बदल गए। AIMIM ने इस बार 5 सीटों पर जीत हासिल की है।

जीते हुए 11 मुस्लिम विधायकों की पार्टी-वार सूची

​इस चुनाव में, बिहार विधानसभा के लिए कुल 11 मुस्लिम विधायक चुनकर आए हैं, जो ऐतिहासिक रूप से सबसे कम संख्या है। इन विधायकों का दल-वार वितरण और उनके नाम निम्नलिखित हैं:

​AIMIM (5 विधायक)

  • ​अख्तरुल ईमान (अमौर)
  • ​मोहम्मद मुर्शीद आलम (जोकीहाट)
  • ​गुलाम सरवर (बायसी)
  • ​मोहम्मद सरवर आलम (कोचाधामन)
  • ​मोहम्मद तौसीफ आलम (बहादुरगंज)

​RJD (3 विधायक)

  • ​ओसामा शाहाब (रघुनाथपुर)
  • ​फैजल रहमान (ढाका)
  • ​आरिफ अहमद (बिस्फी)

​INC (2 विधायक)

  • ​मोहम्मद कमरुल होदा (किशनगंज)
  • ​अबिदुर रहमान (अररिया)

​JDU (1 विधायक)

  • ​मो. जमा खान (चैनपुर)

मुस्लिम बहुल सीमांचल में भी बड़ा बदलाव

सीमांचल क्षेत्र, जिसमें पूर्णिया, कटिहार, अररिया और किशनगंज जैसे जिले शामिल हैं, मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या के लिए जाना जाता है। इस बार के नतीजों में यह देखने को मिला है कि इस मुस्लिम बहुल इलाके में भी महागठबंधन का प्रदर्शन निराशाजनक रहा, और कई सीटों पर एनडीए को बढ़त मिली।

पॉलिटिकल पंडितों का मानना है कि विकास योजनाओं और महिला मतदाताओं के झुकाव ने इस क्षेत्र के पारंपरिक समीकरणों को भी प्रभावित किया है, जिसके कारण मुस्लिम प्रतिनिधित्व में और गिरावट आई है।

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