CWC Meeting Patna: कांग्रेस कार्यसमिति में प्रस्ताव पारित, SIR को लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया

पटना में हुई कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में बड़ा प्रस्ताव पारित हुआ। बैठक में SIR (विशेष गहन पुनरीक्षण) को लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा बताया गया और कहा गया कि यह दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों व अल्पसंख्यकों को मताधिकार से वंचित करने की साजिश है। साथ ही NDA सरकार पर भ्रष्टाचार, वोट चोरी और संविधान पर हमले के आरोप लगाए गए।

Updated On 2025-10-07 14:26:00 IST

CWC Meeting Patna

CWC Meeting Patna: पटना में बुधवार 24 सितंबर) को हुई कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में बड़ा राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक में स्पष्ट आरोप लगाया गया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की साजिश आज हमारे लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है। कांग्रेस ने कहा कि इस प्रक्रिया के जरिए दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों जैसे हाशिए पर खड़े समुदायों को उनके मताधिकार से वंचित करने की सुनियोजित कोशिश हो रही है।

बैठक में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया, जबकि बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम ने बिहार से संबंधित प्रस्ताव रखा। संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बताया कि बैठक में 51 वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया और मुख्य चर्चा वोट चोरी, संगठन की मज़बूती और बिहार चुनाव को लेकर हुई।

SIR लोकतंत्र के खिलाफ

कांग्रेस ने बिहार प्रस्ताव में कहा, ''मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की साजिश हाशिए पर खड़े समुदायों के मताधिकार, कल्याणकारी योजनाओं और संवैधानिक आरक्षण अधिकार को खत्म करने की ओर एक कदम है। जब जनता का वोट छीना जाता है, तो उनके भविष्य, उनकी गरिमा और अधिकार भी छीने जाते हैं।''

राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा'

CWC ने राहुल गांधी की 'मताधिकार यात्रा' का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र को बचाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल थी। इस यात्रा ने बिहार के गांव-गांव और गली-गली तक यह संदेश पहुंचाया कि जब तक हर नागरिक का वोट सुरक्षित नहीं होगा, तब तक लोकतंत्र भी सुरक्षित नहीं रह सकता।

NDA सरकार पर आरोप

बैठक में NDA सरकार पर कई आरोप लगाए गए –

  • संविधान पर हमला – CWC ने कहा कि BJP-RSS लगातार संविधान, संसद और संस्थाओं को कमजोर कर रहे हैं।
  • संस्थाओं का दुरुपयोग – CBI, ED और चुनाव आयोग को सत्ता का हथियार बना दिया गया है।
  • सामाजिक न्याय पर चोट – आरक्षण खत्म करने की कोशिश निजीकरण और नौकरियों में कटौती के ज़रिए हो रही है।
  • आर्थिक संकट – बेरोज़गारी, MSMEs का पतन, किसानों की बदहाली, MGNREGA में कटौती और GST मुआवज़ा रोकने का आरोप।
  • प्राकृतिक आपदाएं– बाढ़ और बादल फटने से प्रभावित राज्यों को केंद्र ने मदद से वंचित किया।
  • सामाजिक सौहार्द पर वार – सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और दलित-अदिवासी उत्पीड़न की निंदा की गई।
  • मणिपुर संकट – प्रधानमंत्री की लंबे समय तक चुप्पी और बेपरवाही की आलोचना।
  • विदेश नीति विफल – भारत की कूटनीतिक छवि कमजोर, पड़ोसी देशों का चीन की ओर झुकाव।
  • गाज़ा नरसंहार पर चुप्पी – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की नैतिक छवि धूमिल होने पर चिंता।

बिहार चुनाव पर फोकस

कांग्रेस ने कहा कि नीतीश कुमार और भाजपा के 'अपवित्र गठबंधन' ने भ्रष्टाचार और अपराध को बढ़ावा दिया है। बिहार की जनता अब NDA सरकार से आक्रोशित है और बदलाव चाहती है।

प्रस्ताव में विश्वास जताया गया कि बिहार की जनता NDA को हराकर लोकतांत्रिक बदलाव लाएगी।

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