Bihar Crime News: सम्राट चौधरी के गृह मंत्री बनते ही बिहार में एनकाउंटर, बेगूसराय में पुलिस ने कुख्यात अपराधी को मारी गोली
बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही पुलिस और STF ने अपराधियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शुक्रवार देर रात बेगूसराय में STF और जिला पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन में बड़े बदमाश को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया।
बेगूसराय में पुलिस ने कुख्यात अपराधी को मारी गोली
बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही पुलिस और STF ने अपराधियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। शुक्रवार देर रात बेगूसराय में STF और जिला पुलिस ने एक संयुक्त ऑपरेशन में बड़े बदमाश को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया। यह पूरे प्रदेश में नई कानून-व्यवस्था की शुरुआत का संकेत माना जा रहा है।
मुठभेड़ में घायल हुआ बदमाश शिवदत्त राय (27) तेघड़ा थाना क्षेत्र के बनहारा गांव का रहने वाला है। उस पर 2022 में सरपंच के बेटे की हत्या का गंभीर आरोप है। STF ने मौके से भारी मात्रा में हथियार, नकदी और कफ सिरप भी बरामद किए हैं। फिलहाल शिवदत्त को बेगूसराय सिविल अस्पताल में पुलिस कस्टडी में इलाज दिया जा रहा है।
कैसे हुआ एनकाउंटर?
STF को इनपुट मिला था कि फरार अपराधी शिवदत्त राय साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के मल्हीपुर के पास हथियार लेने पहुंचने वाला है। सूचना मिलते ही STF और स्थानीय पुलिस मौके पर दबिश देने पहुंची। तभी दो बाइक पर सवार 6 अपराधियों ने पुलिस को देखते ही फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली शिवदत्त राय की जांघ में लगी और वह मौके पर गिर पड़ा। बाकी बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए। पूछताछ में शिवदत्त ने हथियारों के ठिकाने की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस ने एक घर से बड़ी मात्रा में हथियार और अवैध सामान जब्त किया।
सरपंच के बेटे की हत्या में था नाम
2 सितंबर 2022 को धनकौल पंचायत की सरपंच मीना देवी के घर पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। इस हमले में उनके छोटे बेटे अवनीश कुमार की मौत हो गई थी और बड़ा बेटा रजनीश घायल हो गया था। पुलिस ने इस वारदात में शिवदत्त और उसके गिरोह को नामजद किया था। कुछ समय पहले ही शिवदत्त बेल पर जेल से बाहर आया था।
नई सरकार का सख्त रुख
गृहमंत्री बनने के बाद सम्राट चौधरी ने पुलिस को अपराधियों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाने के निर्देश दिए हैं। DGP विनय कुमार ने भी सभी जिलों को आदेश दिया है कि संगठित अपराध की परिभाषा को व्यापक करें और छोटी लगने वाली घटनाओं को भी गंभीरता से लें। बिहार में यह एनकाउंटर नई सरकार के अपराध-नियंत्रण एजेंडे की पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।