ind vs aus: स्टीव स्मिथ की उंगलियां गेंद के नीचे होने के बावजूद विराट कोहली को आउट क्यों नहीं दिया गया?

virat kohli catch controversy: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में 5वां और आखिरी टेस्ट खेला जा रहा। इस टेस्ट के पहले दिन विराट कोहली के कैच को लेकर विवाद हो गया। स्टीव स्मिथ ने पहली ही गेंद पर उनका कैच लपक लिया था। उनकी उंगलियां गेंद के नीचे थी, फिर भी कोहली बच गए।

Updated On 2025-01-03 10:00:00 IST
virat kohli catch controversy

virat kohli catch controversy: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में खेले जा रहे 5वें टेस्ट के पहले दिन ही बड़ा ड्रामा और विवाद हो गया। इस विवाद के केंद्र में थर्ड अंपायर का एक फैसला है, जिससे विराट कोहली को जीवनदान मिल गया लेकिन अंपायर और क्रिकेट से जुड़े नियमों को लेकर चर्चा शुरू हो गई। दरअसल, कोहली का उनकी पारी की पहली गेंद पर ही स्टीव स्मिथ ने सेकेंड स्लिप में लो कैच पकड़ लिया था। ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इसका जश्न मनाना भी शुरू कर दिया था। 

गेंद के नीचे स्टीव स्मिथ का हाथ था। स्मिथ ने कोहली के इस कैच को पकड़ ही लिया था। कोहली गोल्डन डक होने ही वाले थे। कोहली का कैच लपकते ही ऑस्ट्रेलियाई टीम खुशी से झूम उठी थी। लेकिन फील्ड अंपायर ने थर्ड अंपायर से मदद मांगी। टीवी अंपायर ने जब बारीकी से देखा तो गेंद हाथ से निकलने से पहले स्मिथ की उंगलियां गेंद के नीचे थी। लेकिन, कोहली वहीं खड़े रहे थे और काफी देखने के बाद टीवी अंपायर ने कोहली को नॉट आउट दे दिया। 

थर्ड अंपायर जोएल विल्सन ने कोहली को नॉट आउट करार दिया, क्योंकि क्लीन कैच की पुष्टि करने के लिए पक्के सबूत नहीं थे। एमसीसी कानून 33 के अनुसार, किसी कैच को निष्पक्ष माना जाने के लिए, कैच पकड़े जाने के दौरान गेंद को ज़मीन को नहीं छूना चाहिए। हालांकि रिप्ले में साफ़ तौर पर स्मिथ की उंगलियां गेंद के नीचे दिखाई दे रही थीं, लेकिन बाद के फ़्रेम्स से पता चला कि स्मिथ द्वारा कैच पूरा करने के दौरान गेंद शायद जमीन से टकराई होगी।

विल्सन का स्पष्टीकरण एमसीसी कानून 33 के दूसरे बिंदु पर आधारित था,'गेंद और खिलाड़ी की हरकत पर नियंत्रण। जबकि स्मिथ ने गेंद को अपनी उंगलियों के बीच पकड़ रखा था, लेकिन इस दौरान ज़मीन के साथ संपर्क के कारण विल्सन को लगा कि क्लीन कैच की शर्तें पूरी नहीं हुई थीं।

थर्ड अंपायर के इस फैसले ने नई बहस को जन्म दे दिया। क्रिकेट दिग्गजों की राय भी बंटी हुई है। चैनल 7 पर बोलते हुए पूर्व टेस्ट अंपायर साइमन टॉफेल ने इस निर्णय की कठिनाई को स्वीकार किया। टॉफेल ने बताया, "आप बाड़े के किस तरफ बैठते हैं, इसके आधार पर आप किसी भी तरह का निर्णय ले सकते हैं। जोएल विल्सन का मानना ​​था कि उन्होंने गेंद को ज़मीन को छूते हुए देखा था, जो नियमों के अनुसार कैच को अमान्य करता है।" इसके विपरीत, ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज मार्क वॉ और स्टीव स्मिथ खुद इस बात पर अड़े थे कि कैच साफ था। लंच ब्रेक के दौरान स्मिथ ने कहा, '100% फेयर कैच। इससे कोई इनकार नहीं कर सकता।'

इस बहस का एक अहम पहलू सॉफ्ट सिग्नल का न होना है। पहले, मैदान पर मौजूद अंपायर एक प्रारंभिक निर्णय (सॉफ्ट सिग्नल) देते थे, जिसे तीसरा अंपायर तभी पलट सकता था जब उसके पास इसे पलटने के पक्के सबूत हों। हालांकि, सॉफ्ट सिग्नल को खत्म करने के ICC के हालिया फैसले ने अंतिम निर्णय पूरी तरह से तीसरे अंपायर के हाथों में छोड़ दिया, जो वीडियो साक्ष्य पर निर्भर था।

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