'कर्म पीछा नहीं छोड़ते, हिसाब...' 1 विकेट लेने वाले हर्षित राणा को मिला मौका तो मुकेश कुमार ने किया पोस्ट, क्या गंभीर निशाने पर?

mukesh kumar cyptic post: मुकेश कुमार ने हर्षित राणा की अचानक टेस्ट टीम में एंट्री के बाद इंस्टाग्राम स्टोरी पर एक पोस्ट शेयर किया है। इसके बाद से उसे लेकर कयास लग रहे कि कहीं उनका इशारा गौतम गंभीर की तरफ तो नहीं।

Updated On 2025-06-19 12:11:00 IST

mukesh kumar cryptic post: मुकेश कुमार ने हर्षित राणा के सेलेक्शन पर एक पोस्ट शेयर किया है। 

mukesh kumar cyptic post: टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे से पहले तेज गेंदबाज़ मुकेश कुमार का एक क्रिप्टिक सोशल मीडिया पोस्ट वायरल हो रहा। इस पोस्ट को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं कि यह टेस्ट टीम में शामिल न किए जाने को लेकर उनका इशारा है। खास बात यह है कि हर्षित राणा को आखिरी वक्त में भारत की टेस्ट टीम में शामिल कर लिया गया जबकि मुकेश जैसे अनुभवी गेंदबाज़ को बाहर रखा गया।

हर्षित राणा, जो ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भारत के लिए टेस्ट डेब्यू कर चुके हैं, को पहले 18 सदस्यीय टेस्ट स्क्वॉड में शामिल नहीं किया गया था। लेकिन आखिरी वक्त पर उन्हें बुलाया गया। 23 साल के राणा ने इंडिया-ए के लिए भी दो अनाधिकारिक टेस्ट मैचों में हिस्सा लिया, जिसमें उन्होंने एक विकेट और 16 रन बनाए।

मुकेश ने इंडिया-ए के लिए अच्छी गेंदबाजी की

वहीं 31 साल के बंगाल के तेज़ गेंदबाज़ मुकेश कुमार भी इंडिया-ए टीम का हिस्सा थे और उन्होंने एक मैच में तीन विकेट झटके थे। मुकेश अब तक भारत के लिए 3 टेस्ट खेल चुके हैं और 7 विकेट ले चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने अपने पिछले 11 घरेलू मैचों में करीब 44 विकेट लिए हैं। इसके बावजूद उन्हें टेस्ट टीम से बाहर रखा गया।


क्रिप्टिक इंस्टाग्राम पोस्ट और फैंस की नाराजगी

मुकेश ने इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा, 'कर्म अपना वक्त लेता है। लेकिन उसका हिसाब हमेशा होता है। कर्म माफ नहीं करता।' इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर हड़कंप मच गया। कई फैंस ने इसे टीम से बाहर किए जाने पर उनकी नाराजगी के रूप में देखा।

एक फैन ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, 'हर्षित राणा के सेलेक्शन के बाद मुकेश कुमार और अंशुल कम्बोज जैसे खिलाड़ियों को नजरअंदाज कर दिया गया, जबकि उनका प्रदर्शन बेहतर था।'

दूसरे फैन ने लिखा, 'मुकेश कुमार ने घरेलू क्रिकेट में दम दिखाया है फिर भी उन्हें नजरअंदाज किया जा रहा। वहीं हर्षित जैसे खिलाड़ी, जिनके पास अभी ज्यादा अनुभव नहीं है, उन्हें टीम में बनाए रखा गया है। आखिर घरेलू क्रिकेट में मेहनत का क्या फायदा जब सेलेक्शन इस तरह हो?'

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