ind vs sa: बंगाल के 'जादू' के दम पर साउथ अफ्रीका से निपेटगी टीम इंडिया, गंभीर लेकर आए अजूबा गेंदबाज
Kaushik Maity Ambidextrous Spinner: भारत ने गुवाहाटी टेस्ट से पहले दोनों हाथ से गेंदबाजी करने वाले बंगाल के स्पिनर कौशिक मैती को नेट्स पर गेंदबाजी के लिए बुलाया। मैती ने एक ही सेशन में हार्मर और महाराज जैसी दोनों तरह की स्पिन भारतीय बल्लेबाज़ों को कराई।
भारतीय टीम को दोनों हाथ से गेंदबाजी करने वाले कौशिक मैती ने नेट्स में अभ्यास कराया।
Kaushik Maity Ambidextrous Spinner: दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टेस्ट से पहले टीम इंडिया ने अपनी तैयारी में बड़ा और दिलचस्प बदलाव किया। कोलकाता टेस्ट में 30 रन से मिली हार और साइमन हार्मर–केशव महाराज की स्पिन जोड़ी के खिलाफ बुरी तरह संघर्ष करने के बाद भारत ने अब स्पिन का जवाब स्पिन से देने की रणनीति अपनाई है।
इसी के तहत भारतीय टीम मैनेजमेंट ने बंगाल के स्पिनर कौशिक मैती को नेट सेशन में बुलाया, एक ऐसा गेंदबाज़ जो दाएं और बाएं, दोनों हाथों से असरदार स्पिन डाल सकता। पहले टेस्ट में ईडन गार्डन्स की टर्निंग पिच पर भारत मात्र 93 रन पर ढेर हो गया था, यह घर में उसका सबसे कम चेज़ स्कोर है। हार्मर-महाराज की जोड़ी ने भारतीय बल्लेबाज़ों को अपनी स्पिन के जाल में बुरी तरह फंसा दिया। इस हार ने बता दिया कि टीम को स्पिन के खिलाफ अपनी तैयारी नए सिरे से करनी होगी।
गुवाहाटी में भी स्पिन टेस्ट तय
रिपोर्ट के मुताबिक, गुवाहाटी की पिच लाल मिट्टी की होगी, जिसमें टर्न तो मिलेगा लेकिन साथ ही पेस और बाउंस भी रहेगा। यानी भारत को फिर स्पिन के खिलाफ टिककर खेलना होगा। ऐसे में टीम इंडिया ने नेट्स में ठीक वही चुनौती दोहराई, जिसका सामना कोलकाता में करना पड़ा था। यहां एंट्री हुई 26 साल के कौशिक मैती की, एक ऐसे गेंदबाज़ की, जो एक ही नेट सेशन में हार्मर की तरह ऑफ-स्पिन और महाराज की तरह लेफ्ट-आर्म स्पिन दोनों फेंक सकते हैं।
नेट्स में मैती ने, बाएं हाथ के बल्लेबाजों के खिलाफ ऑफ ब्रेक गेंदबाजी की। साई सुदर्शन, वॉशिंगटन सुंदर, रवींद्र जडेजा ने उनका सामना किया। वहीं, उन्होंने ध्रुव जुरेल और बाकी दाएं हाथ के बल्लेबाजों को लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाजी भी की। इस तरह भारतीय बल्लेबाज़ों को ठीक वही स्थिति दी गई जिससे वे पहले टेस्ट में जूझे थे।
कौशिक मैती ने शेयर किया अनुभव
कौशिक ने कहा, 'भारत के नेट्स में पहली बार गेंदबाज़ी की…जडेजा भैया को गेंद डालना सपना पूरा होने जैसा था। गौतम गंभीर और मोर्ने मोर्केल ने उन्हें किसी तरह की खास हिदायत नहीं दी, उन्हें अपनी नेचुरल गेंदबाज़ी करने दी गई। इसके बाद जडेजा ने खुद उन्हें सुझाव दिए कि लंबाई 1 मीटर पीछे (6–7 मीटर) रखनी चाहिए और हवा में थोड़ी गति बढ़ानी चाहिए। यह सेशन उनके लिए उसी तरह सीखने का मौका था जैसे टीम इंडिया के लिए तैयारी का।
कोलकाता की पिच ने भारत की कमजोरी उजागर की थी। अब गुवाहाटी बताएगा कि टीम ने उनसे क्या सीखा। स्पिन मददगार पिच की मांग भारत ने खुद की थी, अब चुनौती है उस पर टिक कर खेलने की।