Women world cup final: मैं डिप्रेशन में था अकेले रोता था...कैसे रोहित शर्मा की सीख ने मुश्किल दौर में दी जेमिमा रोड्रिग्स को हिम्मत
जेमिमा रॉड्रिग्स ने विश्व कप से पहले उतार-चढ़ाव भरे दौर में रोहित शर्मा से सीखी हिम्मत। रोहित ने बताया था कैसे 2011 विश्व कप से बाहर होने के बाद वे डिप्रेशन में चले गए थे।
जेमिमा रोड्रिग्स ने रोहित शर्मा से मिली सीख को लेकर बड़ी बात कही है।
Women world cup final: भारत की युवा बल्लेबाज जेमिमा रॉड्रिग्स के लिए महिला विश्व कप 2025 एक भावनात्मक सफर रहा है, कभी टीम से बाहर, कभी नंबर-3 और नंबर-5 के बीच जगह बदलना, और फिर सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शानदार शतक जड़कर भारत को फाइनल तक पहुंचाना। लेकिन इस सफर के पीछे एक प्रेरक कहानी है, जिसमें रोहित शर्मा का अहम रोल है।
दरअसल, जेमिमा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि जब उन्हें 2022 के विश्व कप से पहले टीम से बाहर कर दिया गया था, तो उन्होंने खुद को बहुत टूटता हुआ महसूस किया। तभी उन्हें रोहित शर्मा की कहानी याद आई, जो 2011 विश्व कप से ठीक पहले भारतीय टीम से ड्रॉप कर दिए गए थे।
रोहित भैया ने हौसला बढ़ाया था: जेमिमा
जेमिमा ने कहा था, 'रोहित भैया ने बताया कि जब उन्हें टीम से बाहर किया गया, तो वे एक महीने तक डिप्रेशन में थे। उन्होंने कहा कि बहुत लोग मिले लेकिन असली दिलासा सिर्फ युवराज सिंह ने दिया था, जो उन्हें डिनर पर लेकर गए थे।'
'अब मैं खेल का आनंद लेती हूं'
रोहित ने जेमिमा को जो सलाह दी, वह उनकी जिंदगी का टर्निंग पॉइंट बन गई। उन्होंने कहा, 'मुश्किल वक्त आएगा लेकिन मायने रखता है कि तुम उसके बाद क्या करती हो। अगला मौका जब मिले, तब तैयार रहना। होता है या नहीं होता, कोई बात नहीं। बस खेल का आनंद लो।'
जेमिमा बताती हैं, 'उनकी ये बात मेरे दिल में बस गई। अब मैं किसी को कुछ साबित करने के लिए नहीं खेलती, सिर्फ गेम से प्यार के लिए खेलती हूं।'
इस सलाह का असर उनकी बल्लेबाजी में साफ दिखा। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने शानदार शतक ठोका और भारत को फाइनल में पहुंचाया। अब मौका है कि वे रविवार को साउथ अफ्रीका के खिलाफ फाइनल में न सिर्फ जीत दर्ज करें, बल्कि रोहित की वो अधूरी कहानी भी पूरी करें, जो वे 2011 में नहीं कर सके थे।
जेमिमा अब उस मुकाम पर हैं, जहां उनके खेल से न सिर्फ टीम इंडिया बल्कि पूरे देश की उम्मीदें जुड़ी हैं। उनकी ये यात्रा साबित करती है कि असफलता अंत नहीं, बल्कि नई शुरुआत का संकेत होती है।