Indo Pakistan Tussle: पाक सेनाध्यक्ष असीम मुनीर को मिली 'सर्वोच्च' शक्ति, विपक्ष ने दुखद बताया

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने सेनाध्यक्ष असीम मुनीर की शक्ति बढ़ा दी है। अब वहां सैन्य अदालतों में आम नागरिकों के मकदमे चलाए जा सकते हैं। पढ़िये पूरी रिपोर्ट...

Updated On 2025-05-09 17:02:00 IST

भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की स्थिति बनी है। इसके लिए सबसे ज्यादा पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष असीम मुनीर को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। कहा जा रहा है कि उसने अपनी लोकप्रियता बढ़ाने और अपना कार्यकाल को बढ़ाने के लिए आतंकियों की हौंसला बढ़ाया। अब इस अलोकप्रिय सेनाध्यक्ष को नई शक्ति मिली है। पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने सैन्य अदालतों में आम नागरिकों पर मामले चलाने की अनुमति दे दी है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने इस फैसले की निंदा की है। 

पाकिस्तान में लोकतंत्र का गला घुटेगा 
पाकिस्तान में हमेशा से आम नागरिकों की आवाज को दबा दिया जाता है। यहां तक कि सरकार का चयन भी लोकतंत्र से नहीं बल्कि सेनाध्यक्ष की मनमर्जी से होता है। 9 मई 2023 को भी पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया था। तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के समर्थक इसके विरोध में सड़कों पर उतर आए। पाकिस्तानी सेना ने इमरान खान के 1000 से अधिक समर्थकों को अरेस्ट कर लिया।

नागरिकों पर सैन्य अदालतों में केस चलाने की मांग 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान सेना ने नागरिकों के मुकद्दमे सैन्य अदालतों में चलाने की मांग की। न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन खान की अगुआई वाली सात सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने इसे मंजूरी दे दी। यह फैसला आने के बाद एक अन्य संवैधानिक पीठ ने नागरिकों पर सैन्य मुकदमा को ठीक नहीं समझा। इसके बाद इससे संबंधित कई समीक्षाएं याचिकाएं दाखिल हुईं। अब न्यायमूर्ति अमीनुद्दीन की पीठ ने 5-2 का विभाजित फैसला देकर 9 मई 2023 के हमलों में शामिल नागरिकों के मकद्दमे सैन्य अदालतों में चलाने का रास्ता साफ कर दिया है। 

पीटीआई ने की फैसले की आलोचना
पाकिस्तान मीडिया की मानें तो इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने इस फैसले की निंदा की है। पीटीआई के नेशनल असेंबली के सदस्य उमर अयूब खान ने कहा कि यह फैसला हथियारबंद फैसला है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि यह वक्त राष्ट्रीय एकता का था, लेकिन यह फैसला इसके खिलाफ है।

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