भारत-चीन पर अमेरिका की सख्ती: रूसी तेल खरीदने पर लगेगा 500% टैरिफ, ट्रम्प ने दी मंजूरी; जानें क्या है 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल ?

One Big Beautiful Bill: डोनाल्ड ट्रम्प ने उस विधेयक को समर्थन दिया है, जिससे रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर 500% टैरिफ लगेगा। भारत, चीन सबसे बड़े खरीदारों में शामिल।

Updated On 2025-07-02 11:28:00 IST

वन बिग ब्यूटीफुल बिल: भारत-चीन पर अमेरिका की सख्ती, रूसी तेल खरीदने पर लगेगा 500% टैरिफ। 

US tariff on India-China: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक महत्वपूर्ण विधेयक (वन बिग ब्यूटीफुल बिल) को अनौपचारिक मंजूरी दे दी। इसके तहत रूस से तेल और ऊर्जा उत्पाद खरीदने वाले देशों पर 500% तक टैरिफ लगाया जा सकता है। सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने भारत और चीन को सीधे तौर पर इसके दायरे में लाने की बात कही है। वह रूस पर कड़े प्रतिबंधों के प्रबल समर्थक हैं।

क्या है विधेयक का उद्देश्य?
यह विधेयक उन देशों के खिलाफ आर्थिक दबाव बढ़ाने के लिए लाया गया है जो रूस से तेल और ऊर्जा उत्पाद खरीदते हैं। साथ ही जो देश यूक्रेन को सैन्य या मानवीय समर्थन नहीं देते। ग्राहम ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारत और चीन मिलकर रूस का लगभग 70% तेल खरीदते हैं। इस कानून के दोनों देश सीधे प्रभाव में आएंगे।

लिंडसे ग्राहम ने क्या कहा..

  • सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने एक इंटरव्यू में बताया कि जो देश रूस से उत्पाद खरीदते और यूक्रेन की मदद नहीं करते, अमेरिका में उनके उत्पादों पर 500% टैरिफ लगाया जाएगा। ग्राहम ने यह भी कहा-भारत और चीन पुतिन (रूस के राष्ट्रपति) के युद्ध को आर्थिक ईंधन दे रहे हैं।
  • लिंडसे ग्राहम ने यह भी स्पष्ट किया कि 'वन बिग ब्यूटीफुल बिल' (One Big Beautiful Bill) रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बातचीत की मेज पर लाने और ट्रम्प को कूटनीतिक रूप से मजबूत करने के लिए एक "उपकरण" है।

रूस से 72% कच्चा तेल खरीदते हैं भारत-चीन 
ऊर्जा और स्वच्छ वायु अनुसंधान केंद्र (CREA) की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 में भारत रूस से €4.2 बिलियन (लगभग ₹38,000 करोड़) मूल्य के जीवाश्म ईंधन का आयात कर चुका था। इनमें कच्चे तेल की हिस्सेदारी 72% थी। भारत, चीन के बाद रूस का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार बना।

रूस ने किया पलटवार 
क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने ग्राहम के बयान पर पलटवार किया है। कहा, सीनेटर ग्राहम की सोच पूरी दुनिया को पता है। वे कट्टर रूस-विरोधी गुट से ताल्लुक रखते हैं। यदि उनके हाथ में यह सब होता तो प्रतिबंध बहुत पहले लागू हो चुके होते। पेसकोव ने सवाल उठाया कि क्या इस प्रकार के दंडात्मक कदम यूक्रेन में शांति प्रक्रिया को मदद करेंगे?

राजनीतिक मायने क्या हैं?
ट्रम्प का यह कदम अमेरिका में चल रहे राष्ट्रपति चुनाव अभियान में रूस नीति पर उनकी स्पष्टता और सख्ती को दर्शाता है। वहीं भारत और चीन जैसे देशों के लिए यह कदम आर्थिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है। खासकर, तेल आयात के क्षेत्र में परेशानी हो सकती है। भारत की रूस से तेल खरीद रणनीति रियायती दरों और वैश्विक ऊर्जा संतुलन पर आधारित है।

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