Sawan Somwar 2025: काशी विश्वनाथ मंदिर में 3 KM लंबी कतार, बाबा महाकाल में उमड़ा जनसैलाब
Sawan Somwar 2025: सावन का पहला सोमवार (14 जुलाई 2025) को है। देशभर के शिवमंदिरों में आस्था का जनसैलाब है। किस मंदिर में कितनी भीड़ और क्या है माहौल? पल-पल का अपडेट्स जानने के लिए हमारे लाइव ब्लॉग पर विजिट करें।
Sawan Somwar 14 July 2025 Live Update
Sawan Somwar 2025: सावन का पहला सोमवार (14 जुलाई 2025) को है। आज का दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए बेहद शुभ है। मान्यता है कि सावन सोमवार पर शिव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सोमवार (14 जुलाई) को मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित देशभर के मंदिरों में आस्था का जनसैलाब है। श्रद्धा-भक्ति के साथ श्रद्धालु भगवान शिव के दर्शन को उमड़े हैं। मंदिरों में 'हर हर महादेव' और बम-बम भोले के जयकारे गूंज रहे हैं। भक्त भोलेबाबा का जलाभिषेक कर रहे हैं। देश के किस मंदिर में कितनी भीड़ है? सावन सोमवार पर पूजा कैसे करें? महत्व क्या हैं? आइए हम आपको सबकुछ विस्तार से बताते हैं।
जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त
14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। मान्यता है कि सुबह ब्रह्म मुहूर्त से लेकर शाम के प्रदोष काल तक भगवान शिव की आराधना करने से विशेष पुण्य और मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। पहले सोमवार पर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए कई मुहूर्त हैं। दोपहर 12:00 से 12:50 बजे तक अभिजीत मुहूर्त है। शाम 7:15 से रात 8:45 बजे तक प्रदोष काल मुहूर्त है है। धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र बन रहा है। इस दौरान आयुष्मान और सौभाग्य योग रहेगा।
पूजा विधि
सावन के पहले सोमवार पर शिव जी की पूजा कैसे करें। आइए हम आपको बताते हैं। सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान शिव, माता पार्वती और श्री गणेश जी का ध्यान कर पूजन का संकल्प लें। पूजा के दौरान शिवलिंग पर बेलपत्र, शमीपत्र, फूल, धूप, गंध, और पवित्र जल चढ़ाएं। शिव मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग का जलाभिषेक करें और देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें। व्रत के दौरान शिव चालीसा का पाठ करना अत्यंत कल्याणकारी माना जाता है। इस दिन पूरी श्रद्धा और भक्ति से शिव आराधना करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
उत्तराखंड में नीलकंठ महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की।
स्वयंभू शिवलिंग भगवान भूतेश्वरनाथ मंदिर में उमड़ी भीड़
छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में सावन मास के पहले सोमवार को स्वयंभू शिवलिंग भगवान भूतेश्वरनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी हुई है।भगवान भूतेश्वरनाथ की ऊंचाई हर वर्ष बढ़ती ही जा रही है। इसकी ऊंचाई 80 फीट और गोलाई 210 फीट है। सावन के पहले सोमवार को सुबह से ही शिवालयों में कांवरियों का जलाभिषेक और पूजा-पाठ का सिलसिला जारी रहा। पूरा वातावरण हर-हर महादेव व बोल बम के जयकारों से गूंज उठा था। पहले सोमवार को ओडिसा, झारखंड, मध्यप्रदेश सहित दूर–दूर से बड़ी संख्या में कांवरिए और श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंचे हुए थे।
काशी विश्वनाथ मंदिर में 3 KM लंबी कतार, बाबा महाकाल में उमड़ा जनसैलाब
राजस्थान के जयपुर में चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर में सुबह 3 बजे भगवान भोलेनाथ का 151 किलो गाय के घी से अभिषेक किया गया। 3100 किलो आम से मंदिर की सजावट की गई है। मध्य प्रदेश के उज्जैन में बाबा महाकाल मंदिर में भारी भीड़ है। सावन महीने में 80 लाख लोगों के आने का अनुमान है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बाहर कांवड़ियों की 3 KM लंबी लाइन है।
बिहार के पटना शिव मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ी।
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर के देविका मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की।
उज्जैन में 2:30 बजे मंदिर के कपाट खुले
उज्जैन में बाबा महाकाल के तड़के सुबह 2:30 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। इसके बाद सभा मंडप में वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन किया गया। फिर भगवान से आज्ञा लेकर चांदी का पट खोला गया। कर्पूर आरती की। नंदी हॉल में नंदी जी का स्नान, ध्यान, पूजन किया गया। इसी तरह श्री काशी विश्वनाथ धाम, झारखंड के देवघर में बैद्यनाथ धाम, वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में सुबह मंगला आरती की गई।
मुंबई के बाबुलनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूरा-अर्चना की।
तमिलनाडु: थिरुपरनकुन्द्रम में सुब्रमण्यम स्वामी मंदिर को रंगीन रोशनी से सजाया गया है। मंदिर आज 'कुंभभिषेकम' का आयोजन करेगा।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।
प्रयागराज के मनकामेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूरा-अर्चना की।