Road Accident: निजी अस्पतालों में भी मिलेगा मुफ्त इलाज, 7 दिन तक कैशलेस सुविधा; जानें प्रक्रिया
भारत सरकार की नई योजना: सड़क हादसों में घायल लोगों को निजी अस्पतालों में भी 7 दिनों तक मुफ्त कैशलेस इलाज मिलेगा। जानिए कैसे मिलेगा लाभ और कौन हैं पात्र।
रोड एक्सीडेंट: प्राइवेट अस्पतालों में भी मिलेगा मुफ्त इलाज, जानें कैसे मिलेगा लाभ।
Niramaya Cashless Treatment Scheme: सड़क हादसे में घायल लोगों को अब उपचार के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं। घटना स्थल के करीब किसी भी सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल में वह नि: शुल्क उपचार करा सकेंगे। केंद्र सरकार ने केंद्र सरकार ने 'सड़क दुर्घटना पीड़ितों का नगदरहित उपचार योजना, 2025' शुरू की है। इसके तहत दुर्घटना के बाद 7 दिन में ₹1.5 लाख तक कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी।
नि:शुल्क उपचार की यह ऐतिहासिक योजना सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा संचालित की जा रही है। इसका उद्देश्य सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों को आपातकालीन चिकित्सा सुविधा शीघ्र और बिना आर्थिक बाधा के उपलब्ध कराना है।
योजना की प्रमुख बातें
- 7 दिन तक मुफ्त इलाज: दुर्घटना की तारीख से अगले 7 दिनों तक पीड़ित को ₹1.5 लाख तक का कैशलेस इलाज मिलेगा।
- सभी अस्पतालों में मुफ्त इलाज: सूचीबद्ध अस्पतालों को आयुष्मान निरामय योजना से जोड़ा गया है। जबकि, नॉन-डिज़िग्नेटेड निजी अस्पतालों को HFR आईडी बनवानी होगी। वह 31 जुलाई 2025 तक HFR पोर्टल पर पंजीयन कर आईडी जनरेट कर कर लें।
- इलाज में देरी नहीं: अस्पताल में पहुंचते ही तुरंत इलाज शुरू किया जाएगा, किसी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
- भुगतान की गारंटी: इलाज पूरा होने पर राज्य स्वास्थ्य एजेंसी 10 दिन के भीतर अस्पताल को भुगतान करेगी।
- अपवाद में भी राहत: यदि सूचीबद्ध अस्पताल में इलाज संभव न हो सका, तो मूल्य प्रतिपूर्ति की सुविधा भी होगी, आवश्यक दस्तावेज़ व अनुमोदन के बाद।
- हादसे की सूचना मिलते ही मरीज को निकटतम अधिकृत अस्पताल में भर्ती कराएं।
- अस्पताल प्रबंधन आधार कार्ड, मोबाइल नंबर या पुलिस रिपोर्ट जैसी बुनियादी जानकारी लेकर इलाज शुरू करेगा।
- 7 दिन तक 1.50 लाख तक का इलाज मुफ्त रहेगा। आयुष्मान कार्ड बना है तो इसके बाद भी इलाज मुफ्त रहेगा।
- अस्पताल यदि संबंधित व्यक्ति को उपचार दे पाने में सक्षम नहीं है तो अन्य अस्पताल में रेफर कर पोर्टल में कारण दर्ज करना होगा।
यह क्यों है ज़रूरी?
केंद्र सरकार के मुताबिक, भारत में हर 4 मिनट में एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवा रहा है। ज्यादातर मौतें समय पर इलाज न मिल पाने के कारण होती हैं। सरकार ही यह स्कीम न केवल जीवनरक्षक, बल्कि गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवारों को आर्थिक संकट से भी बचा सकती है।