Ram Sutar: स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार राम सुतार का निधन, 100 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार और प्रख्यात मूर्तिकार राम वनजी सुतार का बुधवार देर रात नोएडा स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वे 100 वर्ष के थे और लंबे समय से उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे।

Updated On 2025-12-18 10:47:00 IST

 मूर्तिकार राम वनजी सुतार का निधन। 

भारतीय कला जगत के लिए यह एक बेहद दुखद खबर है। दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार और प्रख्यात मूर्तिकार राम वनजी सुतार का बुधवार देर रात नोएडा स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। वे 100 वर्ष के थे और लंबे समय से उम्र से जुड़ी बीमारियों से जूझ रहे थे। उनके पुत्र अनिल सुतार ने उनके निधन की पुष्टि की।

अनिल सुतार ने जारी बयान में बताया कि 17 दिसंबर की मध्यरात्रि को उनके पिता ने अंतिम सांस ली। उनके निधन से न सिर्फ परिवार, बल्कि पूरे देश के कला और सांस्कृतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

राम सुतार का जन्म 19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र के धुले जिले के गोंदूर गांव में एक साधारण परिवार में हुआ था। बचपन से ही उन्हें मूर्तिकला में गहरी रुचि थी। उन्होंने मुंबई के प्रतिष्ठित जे.जे. स्कूल ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर से शिक्षा प्राप्त की और स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके बाद उन्होंने भारतीय मूर्तिकला को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने वाला एक ऐतिहासिक सफर तय किया।

उनकी कृतियों में संसद परिसर में स्थापित ध्यानमग्न मुद्रा में महात्मा गांधी की प्रतिमा, घोड़े पर सवार छत्रपति शिवाजी महाराज की भव्य मूर्ति और गुजरात में बनी सरदार वल्लभभाई पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी प्रमुख हैं। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी ने उन्हें वैश्विक स्तर पर अमर पहचान दिलाई।

अपने असाधारण योगदान के लिए राम सुतार को पद्म श्री (1999) और पद्म भूषण (2016) से सम्मानित किया गया। हाल ही में उन्हें महाराष्ट्र सरकार के सर्वोच्च सम्मान महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से भी नवाजा गया था। राम सुतार का जाना भारतीय कला जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। हालांकि उनकी बनाई प्रतिमाएं और उनकी कला विरासत आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरित करती रहेंगी।

Tags:    

Similar News