प्रज्वल रेवन्ना यौन हिंसा मामला: कोर्ट ने सुनाई उम्रकैद की सजा, फूट-फूटकर रोए पूर्व सांसद
प्रज्वल रेवन्ना यौन हिंसा मामले में कर्नाटक MP/MLA कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट में बयान देते वक्त पूर्व सांसद रो पड़े। जानें क्या है पूरा मामला।
कोर्ट ने प्रज्वल रेवन्ना को यौन हिंसा मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई।
Prajwal Revanna Case: कर्नाटक की MP/MLA विशेष अदालत ने शनिवार, 2 अगस्त 2025 को पूर्व जनता दल (सेक्युलर) सांसद और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना को यौन हिंसा मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई। 1 अगस्त 2025 को प्रज्वल को 48 वर्षीय घरेलू सहायिका के साथ यौन हिंसा और अनुचित सामग्री रिकॉर्ड करने का दोषी ठहराया गया था। यह उनके खिलाफ दर्ज चार मामलों में पहला फैसला है। विशेष लोक अभियोजक ने अधिकतम सजा की मांग की थी, जबकि प्रज्वल ने कोर्ट में फूट-फूटकर रोते हुए कम सजा की अपील की थी।
अदालत ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(एन) (बलात्कार) के तहत अपराध के लिए रेवन्ना पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अदालत ने 10 लाख रुपये की कुल जुर्माने की राशि में से 7 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया है।
कोर्ट में रो पड़े प्रज्वल
दोषी ठहराए जाने के बाद प्रज्वल रेवन्ना कोर्ट में फूट-फूटकर रो पड़े थे। उन्होंने कहा, "मैंने सांसद के रूप में अच्छा काम किया। मैं छह महीने से अपने माता-पिता से नहीं मिला। मैं एक मेधावी छात्र और इंजीनियरिंग स्नातक हूं। मुझे जानबूझकर फंसाया गया है।"
उनके वकील ने अधिकतम सजा का विरोध करते हुए नरमी की अपील की, जबकि विशेष लोक अभियोजक (SPP) अशोक नायक ने 10 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा की मांग की। अभियोजक ने कहा, "यह फैसला दिखाता है कि कानून के सामने सभी समान हैं।"
आरोप और जांच
प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं के साथ यौन हिंसा और अनुचित सामग्री रिकॉर्ड करने के गंभीर आरोप हैं। एक पीड़िता की साड़ी पर फॉरेंसिक साक्ष्य और वीडियो फुटेज कोर्ट में सबूत के रूप में पेश किए गए। विशेष जांच दल (SIT) ने 1,632 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 113 गवाहों के बयान और डिजिटल साक्ष्य शामिल हैं।
यह मामला 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले तब सामने आया, जब कथित तौर पर अनुचित सामग्री वाले वीडियो हासन में वायरल हुए। इसके बाद प्रज्वल जर्मनी भाग गए थे। 31 मई 2024 को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर उनकी वापसी के तुरंत बाद गिरफ्तारी हुई। कर्नाटक हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दीं, क्योंकि उनका प्रभावशाली परिवार जांच को प्रभावित कर सकता था।
JDS और BJP को राजनीतिक नुकसानमामले के उजागर होने के बाद जनता दल (सेक्युलर) ने प्रज्वल को निलंबित कर दिया। इस विवाद के कारण JDS-BJP गठबंधन को 2024 के लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा। प्रज्वल हासन सीट से 40,000 वोटों से हार गए।